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कालभैरव जयंती पर दिल्ली में कराएं पूजन एवं प्रसाद अर्पण, बनेगी बिगड़ी बात -05 दिसंबर 2023
जीवन में मौजूद भय, रोग इत्यादि कष्ट को दूर हो जाते हैं. मान्यताओं के अनुसार भैरव अष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा करने से जीवन के अनेक दोष दूर होते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि यह दिन बाबा काल भैरव को समर्पित है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव को भगवान भैरव का भयानक रूप यानी रुद्र का अवतार बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि कालभैरव अष्टमी के दिन भैरव बाबा का नाम लेने मात्र से सभी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं.
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भगवान भैरव की पूजा के चमत्कारी लाभ
भैरव बाब की पूजा करने से भक्तों को सभी तरह के दुखों से मुक्ति मिलती है. जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में शत्रुओं से मुक्ति भी मिलती है. इसके अलावा जीवन के ही हर क्षेत्र में विजय प्राप्त दिलाने वाला होता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान भैरव के भक्तों की कभी हार नहीं होती.
भगवान भैरव की पूजा करने से भक्तों को किसी भी प्रकार का दोष नहीं लगता है किसी भी प्रकार का शोक नहीं होता है. भैरव भक्त उनकी कृपा से रोगों से मुक्त रहते हैं क्योंकि वे सभी नकारात्मकता को दूर करके जीवन को सुख प्रदान करते हैं.
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भगवान भैरव की पूजा करने से भक्तों का आत्मविश्वास बढ़ता है. इतना ही नहीं, व्यक्ति को अद्भुत ऊर्जा, शक्ति और साहस का एहसास होता है. विजय का सुख भी इनके पूजन द्वारा प्राप्त होता है. व्यक्ति के समक्ष कोई दुष्ट प्रवृत्तियां स्थिर नहीं रह पाती हैं.
कहा जाता है कि भगवान भैरव जयंती के दिन हर प्रकार के नजर दोष की शांति संभव होती हैं. इसके अलावा भगवान भैरव की पूजा करने से कभी भी मृत्यु का भय नहीं रहता है. ऐसा माना जाता है कि भैरव की पूजा करने वाले की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती.
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भगवान भैरव की पूजा करने से गृहस्थ जीवन में अनुकूलता आती है और गृहस्थ जीवन हमेशा खुशहाल रहता है. ग्रह कष्टों और ग्रह शांति के लिए भगवान भैरव की पूजा करनी चाहिए.आर्थिक संकट से भी मुक्ति मिलती है. भैरव के भक्त को जीवन में कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है.