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Home ›   Blogs Hindi ›   Astrology: Yoga made of Rahu-Ketu can become the cause of plight in life

Astrology: राहु केतु से बना योग बन सकता है जीवन में दुर्दशा का कारण

my jyotish expert Updated 12 Jun 2023 02:25 PM IST
Astrology: राहु केतु से बना योग बन सकता है जीवन में दुर्दशा का कारण
Astrology: राहु केतु से बना योग बन सकता है जीवन में दुर्दशा का कारण - फोटो : google
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ज्योतिष अनुसार कई तरह के योग किसी व्यक्ति की कुंडली में बन कर उसके भाग्य पर गहरा असर डाल सकते हैं. इन में कुछ अच्छे योग होते हैं तो कुछ खराब योग. खराब योग का प्रभाव जब भी कुंडली में बनता है तो व्यक्ति उसके अनुसार कई तरह की परेशानियों का सामना भी करता है. इन्हीं में से ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि एक ऎसा योग है जो राहु केतु के द्वारा बनता है. अब राहु केतु बेहद ही कठोर ग्रह हैं ओर इन्हें नकारात्मक रुप से प्रभाव देने वाला जाना जाता है. इन के द्वारा जब किसी जातक की कुंडली में दोष निर्मित होता है तो जीवन में उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.  राहु केतु से बनने वाला यह योग काल सर्प नामक अशुभ दोष के नाम से जाना जाता है   

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

राहु केतु से बना गंभीर दोष 
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि सभी राशियों के जातकों की कुंडली में ग्रहों की स्थिति समय-समय पर बदलती रहती है. जिससे कई तरह के योग बनते हैं जिनमें कुछ शुभ तो कुछ अशुभ माने जाते हैं. ग्रहों के अशुभ प्रभाव से कुंडली में दोष जब भी बनते हैं, जो व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है. कालसर्प दोष बहुत ही खराब दोष के रुप में माना जाता है. जिस कुंडली में कालसर्प दोष होता है उसे आर्थिक, शारीरिक और मानसिक इत्यादि को लेकर अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.  

इस अशुभ योग दोष के बनने से जातक को एक साथ शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उसका जीवन अनेक प्रकार के व्य्वधानों से होकर गुजरता है.  इसके द्वार अलगातार किया जाने वाला संघर्ष बना रहता है. इसके साथ ही कुंडली में इस दोष के बनने से परिवार को लेकर कष्ट दूरी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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यह दोष नौकरी के क्षेत्र में भी कई तरह के अटकाव देने वाला होता है. करियर को लेकर बड़े उतार-चढ़ाव बने रहते हैं. व्यक्ति अपने काम काज में बहुत तरह के बदलाव भी झेलता है.  अधिकारियों का सहयोग भी नहीं मिल पाता है. आर्थिक तंगी अधिक रहती है. धन का संचय कमजोर रहता है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी इस समय पर अधिक रहती है. इस दोष से बचाव के लिए भगवान शिव का पूजन करना बेहद आवश्यक होता है. शिवलिंग पर जलाभिषेक करना तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभदायक होता है. 

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