'ज्योतिषामयनंचक्षुः' वेदों में ज्योतिष को नेत्र कहा गया है ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से वर्ष 2021 पूर्वार्ध की प्रथम तिमाही का फरवरी एवं मार्च माह में बनने वाले अशुभ ग्रह योग पंचमग्रही रही एवं अंगारक योग आदि ज्योतिष प्रेमी लोगों के एवं आमवर्ग में कौतूहल का विषय बने हैं।
वाराही संहिता में उल्लेख मिलता है -
एक राशौ यदा यन्ति चत्वारः पंचखेचराः।
प्लावयंति मही सर्वा रुधिरेण जलेन वा।
अर्थात - एक राशि में जब चार या पांच ग्रह होते हैं तो पृथ्वी जल व रक्त से स्नान करती है। 28 जनवरी 2020 को मकर राशि में चार ग्रह सूर्य, शुक्र, शनि स्थित है, उक्त ग्रहों पर चंद्र की दृष्टि भी है। इस योग के प्रभाव से भारत सहित अनेक देशों में उपद्रव होंगे। समुद्री तूफान, आंधी, बवंडर, हिमपात, ज्वालामुखी विस्फोट व अग्निकांड, बम विस्फोट, वर्षा, युद्ध आदि से जनजीवन प्रभावित होगा। तारीख 5 फरवरी 2021 को पंचकग्रही एवं 11 फरवरी 2021 को षड्ग्रही- सू. च. बु. गु. शु. श. आदि योग बन रहा है जिसके प्रभाव चलते भूकंप, भूस्खलन, वर्षा, बाढ़, तूफान आदि से भारी क्षति संभव है।
ज्योतिष विज्ञान की मान्यता है – 'षडवैग्रहः ध्वंती समस्त भूपान' अर्थात 6 ग्रहों का संयोग मकर राशि में होने से प्रभावी राजनेता या उच्च अधिकारी में विच्छेद से पद रिक्तता या असामयिक निधन गृह युद्ध या सीमा पर युद्ध जैसी स्थिति बनाता है। विदित हो वर्ष 1962 ईस्वी में मकर राशि में आठ विरोधी ग्रह एकत्रित हुए थे उसी वर्ष भारत चीन का युद्ध हुआ था। यही योग 11 फरवरी 2021 को पड़ रहा है। इतिहास अपने को दोहराता है यह जानकर मन कांप उठता है कहीं फिर से भारत चीन या भारत पाकिस्तान युद्ध तो नहीं। वाराही संहिता अ. 01 श्लोक - 6 के अनुसार -
ग्रहाधीणनं जगत सर्वम ग्रहाधीनः नरावराः
कालज्ञानम ग्रहाधीनं ग्रहाः कर्म फलप्रदः
ग्रहों के अधीन संपूर्ण संसार है, ग्रहों के अधीन ही सभी श्रेणी मनुष्य होते हैं। काल का ज्ञान भी ग्रहों के अधीन है और ग्रह ही कर्म फल को देने वाले होते हैं। यह धारणा समय अनुसार सत्य साबित हुई है।
I. 30 अगस्त 1979 को कर्क राशि में सू.बु.गु.शु. युति से (मोरबी) गुजरात में आई बाढ़ से 1200 लोगों की जीवन लीला समाप्त हुई।
II. प्रकृति विनाश की दुर्भाग्यपूर्ण घटना 14/15 जून 2013 को मिथुन राशि में सू.बु.गु.शु के चतुर्ग्रही प्रभाव से उत्तराखंड में सैलाब आया इस जलजले से हजारों लोग हताहत हुए।
III. वर्ष 2019 के दिसंबर माह के चौथे सप्ताह की तारीख 26 को धनु राशि में सू.चं.बू.गु.श.के. छः 6 ग्रह एकत्रित होने से चीन के वुहान शहर में विषाणु जनित कोरोना वायरस (Covid 19) के संक्रमण से संपूर्ण विश्व में लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई। लॉकडाउन या आपातकाल जैसी त्रासदी से संपूर्ण विश्व को गुजरना पड़ा। भारत भी संक्रमण से अछूता नहीं रहा पूरा देश में अब तक 1,52,000 से भी अधिक लोग काल कवलित हुए तथा 1 करोड़ से अधिक देशवासी कोरोना संक्रमित (Covid Positive) हुए। मुहूर्त चिंतामणि पियूष धारा के अनुसार
अप्रत्यक्षाणी शस्त्राणि विवादस्तेषु केवलं
प्रत्यक्ष ज्योतिषं शास्त्रम चंद्राकौ यत्र साक्षीणौ
अर्थात - अन्य शास्त्र आप्रत्यक्ष है इसलिए उनमें तो विवाद ही रहता है किंतु ज्योतिष शास्त्र प्रत्यक्ष शास्त्र है और इसके साक्षी सूर्य तथा चंद्रमा है। जिस शास्त्र के द्वारा सूर्य आदि ग्रहों की गति, स्थिति आदि तथा गणित चातक आदि का समयक ज्ञान हो उसका शास्त्र को ज्योतिष शास्त्र कहते हैं।
ज्योतिषां सूर्यादि ग्रहाणां बोधकम शास्त्रं ज्योति शास्त्रम
वर्ष 2021 के संबंध में श्री लोकमंगल ज्योतिष अनुसंधान संस्थान जनपद बांदा (उत्तर प्रदेश) के निदेशक ज्योतिष आचार्य राजेश जी महाराज के अनुसार ज्योतिष विज्ञान अशुभ ग्रह योग से देश काल में उत्पन्न पीड़ा के इच्छित समय का अनुशीलन कर किसी अप्रिय घटना से हुई जन, धन हानि से बचाव या सतर्कता (alert) के लिए देश व समाज की सुरक्षा हेतु किसी वरदान से कम नहीं है।
ज्योतिष शास्त्र काल का मापक है। कालातीत का नहीं। काल अर्थात समय का ज्ञान एवं कालातीत अर्थात परमात्मा का ज्ञान है। ईश्वर शरणागत एवं सुमिरन से अनेक प्रकार के दुखों का निवारण होता है। यह नक्षत्र जनित पीड़ा का शमन भी होता है। राष्ट्रहित में यदि भारत सरकार मौसम, कृषि, अर्थव्यवस्था, सामरिक, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा राजनीतिक क्षेत्र में व्यापक मौलिक अनुसंधान के माध्यम से ज्योतिष शास्त्रीय भविष्यवाणियों को महत्व प्रदान करें तथा इस विधा के अध्ययन, अध्यापन एवं मौलिक शोध आदि को प्रोत्साहित करें तो निश्चय ही देश की वर्षोंन्नती होगी। पिछले 65 वर्षों से साहित्य पर छाई हुई वामपंथी विचारधारा की परत ने ज्योतिष शास्त्र को भी प्रभावित किया केवल पूजा, पाठ, मुहूर्त या एक धर्म विशेष से जोड़ कर भारतीय सनातन संस्कृति को नष्ट करने का घोर पाप किया है। समय रहते इस दिशा में बढ़ने का साहस वर्तमान मोदी सरकार को दिखाना होगा। नासा के गठन से पूर्व आर्यभट्ट, वाराहमिहिर आदि विद्वानों ने सूर्य और चंद्र ग्रहण तथा प्राकृतिक उत्पात - भूकंप, भूस्खलन, वर्षा, बाढ़, मौसम आदि के बारे में अपने विचार दिए हैं। जो आज भी अक्षरशः सत्य प्रमाणित हो रहे हैं।
वर्ष 2021 के संबंध में ज्योतिष शास्त्र सम्मत ज्योतिष आचार्य राजेश जी महाराज की भविष्यवाणी :-
अशुभ ग्रह योग से बढ़ेगा प्राकृतिक कहर
वर्ष 2021 के फरवरी माह में मकर राशि प्राक्रांत होने से पंचग्रही व षडग्रही ग्रह योग के चलते प्राकृतिक आपदा वर्षा, बाढ़, भूकंप, भूस्खलन, आंधी, तूफान के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त होगा। यह घटना देश विदेश में 12 फरवरी से 28 मार्च के बीच देखी जा सकती है। भारतवर्ष की उत्तर दिशा राजधानी दिल्ली सहित विशेष अशांत होगी। सरकार को इस ओर संज्ञान लेकर कार्य करना होगा।
* भारत देश की उत्तर दिशा व उत्तर पश्चिमी प्रदेश विशेष अशांत रहेंगे। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमालय का तटवर्ती स्थान तथा पूर्वोत्तर भारत में आसाम, बंगाल, उड़ीसा, प्राकृतिक आपदा से विशेष प्रभावित होंगे। भूकंप, सुनामी, लहर, तूफानी वर्षा आदि का योग है। उत्तराखंड में बर्फबारी, भूस्खलन से मार्ग यातायात अवरुद्ध होने से परेशानी हो सकती है। वही बादलों के फटने से जन धन हानि की संभावना है। देश के दिल्ली सहित उत्तर पूर्व हिस्सों में शीतलहर जारी रहेगी।
विशेष
* लोकमंगल ज्योतिष अनुसंधान संस्थान के निदेशक आचार्य राजेश जी महाराज के अनुसार जनवरी 2021 के अंतिम सप्ताह की 27, 28, 29, 30 व 31 तारीख विशेष उपद्रवकारी हैं। विश्व और देश के अनेक अंचलों में राजनैतिक अस्थिरता एवं प्राकृतिक दुर्घटना तथा हिंसक आंदोलन का काल होगा। वहीं 12 फरवरी से 28 मार्च तक सीमा पर शांति व अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक कहर जारी रहेगा। वायुयान, रेल परिवहन एवं यातायात तथा सामुद्रिक यात्रा आदि में परिवहन विभाग, वायु सेना एवं नौसेना को सतर्क रहना पड़ेगा।
मौसम एवं प्राकृतिक उत्पात
मौसम की दृष्टि से जनवरी 2021 का अंतिम सप्ताह व 2021 के माह फरवरी की 12 तारीख तक विशेष शीत लहर, वर्षा, हिमपात व ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त रहेगा। वर्षा व बर्फबारी से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बंगाल, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बंगाल, उड़ीसा प्रभावित होंगे। आपदा प्रबंधन भारत सरकार के इस ओर संज्ञान लेने से राहत मिलेगी।
देश में खनिज तेल का स्त्रोत प्राप्त होगा
* वर्ष 2021 में समुद्री तटवर्ती स्थान में उत्खनन से भूगर्भ वैज्ञानिकों को खनिज तेल के अनुसंधान में कामयाबी मिलेगी। यह कामयाबी भारत सरकार के लिए उपलब्धि परक होगी। जिससे पेट्रोल आदि पर निर्भरता बढ़ेगी।
कृषि एवं व्यापारिक भविष्य
* शेयर मार्केट में उछाल आएगा। लोहा, स्टील, सोना, चांदी का मूल्य आसमान छुएगा। वर्ष की सर्वाधिक महंगी धातु चांदी और लोहा होगी।
* फरवरी व मार्च 2021 में चना, गेहूं, चावल, दालें व बाजरा आदि के मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। काला उड़द एवं तिल की पैदावार इस वर्ष बहुतायत होगी। कृषि एवं किसान खुशहाल होंगे पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र तथा राजस्थान आदि में कृषि उपज इस वर्ष बेहतर होगी। छुटपुट अकाल एवं प्राकृतिक प्रकोप के चलते आंशिक नुकसान के साथ कृषि उपज में समर्थ होगा भारत।
* रासायनिक दवाओं की आपूर्ति में भारत समर्थ होगा। कोविड-19 के नियंत्रण में भारत बायोटेक ( Bharat Biotech) की कोरोना वैक्सीन (Co vaccine) कामयाब होगी।
31 मार्च 2021 पश्चात नियंत्रित होगा कोरोना (Covid-19)
* देश में 31 मार्च 2021 के बाद कोरोना को नियंत्रण करने में स्वदेशी ईजाद को- वैक्सीन एवं कोविशील्ड कामयाबी का परचम लहरायेगी। देश एवं दुनिया भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिकों के अनुसंधान को सरहएगी। कोविड-19 के नियंत्रण हेतु भारत की यह वैक्सीन संजीवनी से कम नहीं होगी। वर्ग, जाति और धर्म से परे जाकर संपूर्ण विश्व इस वैक्सीन को ललकर अपनाएगा। भारत कोविड-19 के नियंत्रण हेतु बड़े पैमाने में इन दवाओं का निर्यातक देश भी बनेगा।
बैंक, उद्योग व व्यापार की स्थिति
* बैंक के हालात में सुधार 6 अप्रैल, 2021 के बाद होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य तथा वैज्ञानिक शोध, अविष्कारों में सर्वाधिक बजट खर्च होगा तथा सरकार को उक्त क्षेत्र में कामयाबी मिलेगी
रक्षा अनुसंधान
* वर्षेश मंगल के प्रभाव से भारत में रक्षा अनुसंधान के उपस्कर (औजार) व युद्ध में प्रयुक्त मिसाइल, लड़ाकू विमान, ड्रोन आदि तकनीकी को स्वदेशी तौर पर विकसित करने में कामयाब होगा तथा इनका बड़ा निर्यातक भी बनेगा।
युद्ध एवं सर्जिकल स्ट्राइक
युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए, शांति और समृद्धि चाहिए।
* वर्ष- 2021 की प्रथम छमाही में भारत-चीन युद्ध नहीं होगा। सीमा पर विवाद एवं सर्जिकल स्ट्राइक की संभावना मात्र होगी।
* वर्ष 2021 का उत्तरार्द्ध 5 सितंबर से 25 दिसंबर भारत-पाक एवं भारत चीन में शीत युद्ध व सीमा पर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
सतर्कता (Alert)
(2021 के 27 जनवरी से 6 अप्रैल 2021 का घटनाक्रम)
* वायुयान, रेल व सड़क परिवहन संबंधी दुर्घटनाएं होंगी।
* बॉर्डर (सीमा) पर आतंकवादी घटनाएं देखने को मिलेंगी।
* राजनैतिक अस्थिरता का माहौल बनेगा।
* जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, असम, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों के प्रमुख नगरों में भूकंप आदि प्राकृतिक प्रकोप एवं उग्रवाद जन्य घटनाओं से जनधन हानि का योग।
* चीन, पाकिस्तान आदि के साथ लगने वाली सीमा पर प्रांत पर तनाव होगा।
* राष्ट्र में उपद्रव या किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति की पद रिक्तता या शोक झेलना पड़ सकता है।
* समुद्र तट भर्ती भू-भाग पर भयंकर हानि भूकंप या समुद्री तूफान, सुनामी आदि प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन हानि का योग।
* महंगाई, किसान आंदोलन, छात्र आंदोलन, श्रमिक आंदोलन, भ्रष्टाचार एवं घोटाले जैसी स्थिति रूलिंग पार्टी के लिए सरदर्द बनेगी।
* चीन अमेरिका व जापान भूकंप, समुद्री तूफान, अग्निकांड, ज्वालामुखी विस्फोट की चपेट में होंगे।
* चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन हेतु मई 2021 के पूर्व की स्थिति बेहद खराब है। यहां बारिश या तूफान से विपदा से जन धन हानि कही जाएगी।
* अस्त बुध, गुरु, शुक्र एवं शनि के प्रभाव से देश में किसान आंदोलन की स्थिति के नियंत्रण से बाहर होगी। विपक्ष का दबदबा बढ़ेगा नया कानून पारित होने से सरकार या सत्ता रूढ़ दल हेतु मुश्किल पैदा करने वाला होगा।
ज्योतिष सुझाव-
* ज्योतिष आचार्य राजेश जी महाराज के अनुसार 9,10,11, 12 तारिक अनिष्टकारी हैं।
उपसंहार-
केवलं ग्रह नक्षत्रं न करोति शुभाशुभम।
सर्वमात्क्रतं लोकवादो ग्रहा इति।
* अर्थात- ग्रह और नक्षत्र ही शुभ-अशुभ कर्म फल उपस्थित नहीं करते हैं। सारा अपना ही किया हुआ कर्म शुभ-अशुभ फल का उत्पादक है। इसलिए अशुभ ग्रह योग से होने वाली पीड़ा भगवत भजन, हरिसुमिरन इष्ट देव आराधान, तीर्थ स्नान, पौराणिक कथा श्रवण व सत्संग से दूर किया जा सकता है। यह लेख देश घट रहे घटनाक्रम से सजग रहने की उपस्थिति मात्र है। निर्देशक- लोकमंगल अनुसंधान संस्थान, बांदा(उ.प्र.) के मुताबिक इस लेख से देश एवं सरकार को राष्ट्रीय स्तर में संज्ञान लेने से यदि सुख, शांति समृद्धि की प्राप्ति होती है तो मैं समझूंगा कि मेरा प्रयास सफल रहा।
शेष हरि कृपा।