खास बातें
Astrology Tips: जन्म जानिए कुंडली में सूर्य का प्रभाव जानें कब और कैसे देता है विशेष फलPlanet Sun : ज्योतिष अनुसार सूर्य की स्थिति सभी ग्रहों में प्रमुख स्थान पर होती है. सूर्य को वेदों की आत्मा कहा गया है. सूर्य को राजा और सरकार का सुख कहा गया है. प्रकृति में भी पर जीवन का कारण सूर्य ही है और ऎसे में ज्योतिष के अनुसार सूर्य कुंडली में अगर बेहतर है तो जीवन में हर सुख मिलते हैं.
विज्ञापन
विज्ञापन
Astrology Tips: जन्म जानिए कुंडली में सूर्य का प्रभाव जानें कब और कैसे देता है विशेष फल
Planet Sun : ज्योतिष अनुसार सूर्य की स्थिति सभी ग्रहों में प्रमुख स्थान पर होती है. सूर्य को वेदों की आत्मा कहा गया है. सूर्य को राजा और सरकार का सुख कहा गया है. प्रकृति में भी पर जीवन का कारण सूर्य ही है और ऎसे में ज्योतिष के अनुसार सूर्य कुंडली में अगर बेहतर है तो जीवन में हर सुख मिलते हैं.
आइये जान लेते हैं कुंडली में सूर्य का प्रभाव और ग्रहों के साथ उसकी जोड़ी कैसे अपन्बे असर को दिखाती है. सूर्य की शुभता के लिए किए जाने वाले काम कैसे हमें अच्छे प्रभाव देने में सक्षम होते हैं. इन सब बातों को जानते हैं विस्तार पूर्वक
effect of sun in astrology ज्योतिष में सूर्य का होना प्रसिद्धि एवं मान सम्मान का कारक बनता है. ज्योतिष के अलग धर्म शास्त्रों में भी यह सर्वमान्य सत्य है. वैदिक काल में सूर्य को संपूर्ण जगत का निर्माता माना जाता था. वेदों में ऋग्वेद के देवताओं में सूर्य को सर्वोच्च स्थान दिया गया है. इसी के साथ प्रसिद्ध गायत्री मंत्र सूर्य से संबंधित है. सूर्योपनिषद में भी सूर्य को ही जगत की उत्पत्ति का एकमात्र कारण बताया गया है. ऎसे में ज्योतिष भी सूर्य की स्थिति ओर उसकी शुभता अशुभता से जुड़े तथ्य बताता है. सूर्य संपूर्ण जगत की आत्मा हैं, उन्हें जगत की आत्मा और ब्रह्मा माना जाता है.
सुर्य का कुंडली में प्रभाव और इसकी शुभता के संकेत Sun Significance and Remedies
जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति यदि प्रबल हो तो हर सुख प्राप्त होते हैं. शास्त्रों में सूर्य पूजा की प्रथा वैदिक काल से ही चली आ रही है. भविष्य पुराण में ब्रह्मा और विष्णु के संवाद में सूर्य पूजा और मंदिर निर्माण के बारे में बताया गया है. ऎसे में सूर्य के संदर्भ पौराणिक काल से प्राप्त होते हैं. भारत के शास्त्रों में प्राचीन काल से ही सूर्य देव का वर्णन एवं इसके धर्म स्थानों का उल्लेख मिलता है. वैदिक शास्त्रों सही आयुर्वेद, ज्योतिष और अन्य प्रकार के विज्ञान में भी सूर्य का बहुत महत्व है.जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति यदि कमजोर हो तो इसकी पूजा द्वारा यह शुभता को पाता है. सूर्य की पूजा के लिए किसी आह्वान की आवश्यकता नहीं होती और न ही कोई आसान स्थापना होती है, सूर्य बहुत आसानी से दिखाई देता है इसलिए खड़े होकर ही इसकी पूजा की जाती है. इसी के साथ उगते सूर्य की पूजा करनी उत्तम मानी जाती है. सूर्य की पहली किरण का जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसी कारण भगवान सूर्य की पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान करके पूजन को बताया गया है.
सूर्य की शुभता हेतु सूर्य को तांबे के लोटे में जल और फूल अर्पित करने को कहा जाता है. सूर्य की शुभता के लिए ॐ सूर्याय नमः का जाप करते हुए पूजा करना उत्तम माना गया है.
अनुभवी ज्योतिषाचार्यों द्वारा पाएं जीवन से जुड़ी विभिन्न परेशानियों का सटीक निवारण
सूर्य का प्रभाव एवं ग्रह संबंध planet sun in astrology
सूर्य और अन्य ग्रहों के बीच संबंध काफी महत्व रखता है. जब सूर्य और चंद्रमा दोनों एक साथ हों तो सूर्य को पिता और चंद्रमा को यात्री माना जाता है. यदि सूर्य राज्य है तो चन्द्र यात्रा है, इसे राजकीय यात्रा भी कहा जा सकता है, बच्चे की प्रगति उसके जन्म स्थान से भिन्न हो सकती है.सूर्य और बुध में योग होना सुखों को प्रदान करता है. उच्च पद पद प्राप्त होता है, व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है. व्यक्ति सुखी जीवन व्यतीत करता है. इसी प्रकार सूर्य का अन्य ग्रहों के साथ संबंध शुभ्य एवं अशुभ फलों का संयोजन होता है और जब अशुभ प्रभाव हो तो उसे शुभ करने में सूर्य की उपासना बेहद कारगर रुप से काम करती है.