खास बातें
2025 Astrology Predictions: 2025 में एक नए युग की शुरुआत होने वाली है, क्योंकि शनि और बृहस्पति के गोचर चलते युग बदलने वाला है। गोचर के बाद 30 मार्च 2025 से एक नया युग आएगा। तो आइए जानते हैं क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे।
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2025 Astrology Predictions: शनि, राहु और मंगल के कारण पिछले 10 वर्षों में देश और दुनिया में जो परिवर्तन देखने को मिले हैं वह परिवर्तन 2025 तक जारी रहेंगे। 2025 के बाद ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि शनि और बृहस्पति के गोचर के चलते और भी भारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे। आखिर क्या होगा देश और दुनिया में जानिए शनि ग्रह के गोचर का एक विश्लेषण।
- सूर्य के कारण अंतरिक्ष में होगी आफत और अंतरिक्ष से आएगी धरती पर तबाही।
- मुंबई से कई गुना बड़ा ग्लेशियर पिघल जाएगा, कई शहर जलमग्न हो जाएंगे।
- पूरे विश्व का क्लाइमेट चेंज हो जाएगा, जिसके चलते सब कुछ बदल जाएगा।
- विश्व को महायुद्ध की ओर शनि धकेलेगा लेकिन बचाएगा बृहस्पति।
1. शनि का धनु में प्रवेश: 26 जनवरी 2017 अक्टूबर में जब शनि ने बृहस्पति की राशि धनु राशि में प्रवेश किया था तभी से देश-दुनिया में राजनीतिक और प्राकृतिक रूप से ऐसी घटनाएं घटने लगी थी जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी। भारत में योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। दुनियाभर में सत्ता परिवर्तन देखने को मिला। किसान आंदोलन, जीएसटी अधिनियम, भारत की अंतरिक्ष में बड़ी छल्लांग आदि बहुत कुछ।
2. शनि का मकर में प्रवेश: 24 जनवरी 2020 में शनि ने स्वयं की राशि मकर राशि में प्रवेश किया था, तब दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप फैल गया था। मकर के स्वराशिस्थ शनि ने देश और दुनिया को बदल कर रख दिया। इसकी पहले से ही आशंका व्यक्त की जा रही थी कि शनि जब मकर में जाएगा तो कुछ बड़ा होने वाला है। कोरोना वायरस के चलते लाखों लोगों की मौत हो गई और पुरी दुनिया का राजनीति और आर्थिक परिदृष्य बदल गया।
3. शनि का कुंभ में प्रवेश: 29 अप्रैल 2022 को शनि ने अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश किया था, तब महामारी का दौर खत्म हुआ और दुनियाभर में युद्ध, अराजकता, महंगाई, प्रदर्शन और सत्ता परिवर्तन का नया दौर प्रारंभ हुआ। शनि के कुंभ गोचर मार्गी और वक्री काल में ही भूकंप और बड़े तूफान के साथ ही यूक्रेन और रशिया के बाद इजरायल और हमास का युद्ध भी शुरू हो चला।
4. शनि का मीन राशि में प्रवेश: 29 मार्च 2025 को जब शनि ग्रह कुंभ से निकलकर बृहस्पति की मीन राशि में प्रवेश करेगा तब दुनिया में एक बार फिर से बड़े बदलाव होंगे। ऐसे बदलाव जैसा कि 2017 के बाद देखने को मिले थे। कुंभ राशि में स्थित शनि के प्रभाव के कारण अकाल, युद्ध, विस्फोट, भूचाल, महामारी के साथ ही 2025 में कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आने की संभावना भी है जिसके चलते बड़ी तादाद में जन-धन हानि होने की आशंका है। इसी के साथ ही सत्ता परिवर्तन के भी योग बन रहे हैं।
29 मार्च 2025 को शनि राशि परिवर्तन करेंगे और 30 मार्च को हिंदू नववर्ष 2082 प्रारंभ होगा। उस संवत्सर का नाम कालयुक्त संवत्सर है। मंगल और बृहस्पति को छोड़कर इस दिन 6 ग्रह मीन राशि में लग्न में स्थित होंगे और यह सभी सामने स्थित केतु को देखेंगे। बृहस्पति वृषभ में पराक्रम भाव में और मंगल मिथुन में चतुर्थ भाव में रहकर केतु पर दृष्टि डालेंगे। 9 में से 8 ग्रहों की दृष्टि यदि केतु पर पड़ रही है तो यह असाधारण घटना है जो सैकड़ों साल बाद कभी घटित होती है। केतु को मोक्ष का दाता कहा गया है जिससे जाना जा सकता है कि दुनिया मैं किस तरह का बदलाव होने वाला है।
5. बृहस्पति संभालेंगे विश्व के हालात: 29 मार्च 2025 तक शनि कुछ बड़ा करने वाले हैं जिसके कारण देश और दुनिया में उथल-पुथल मच जाएगी, लेकिन इस भयंकर समय को ठीक करने के लिए बृहस्पति यानी गुरु अपनी चाल बदलेंगे। बृहस्पति अतिचार हो जाएंगे यानी बृहस्पति एक वर्ष तक एक राशि में रहते हैं लेकिन उससे कम समय में तेजी से गति करते हुए वह वृषभ को छोड़कर मिथुन में जाकर वक्री होंगे और कुछ समय बाद पुन: वृषभ में लौट आएंगे। ऐसा लगातार 8 वर्षों तक चलेगा। 8 वर्षों में आरपार की लड़ाई होगी। उसके बाद अगले 8 वर्षों में विश्व शांति की स्थापना होगी।
- सूर्य के कारण अंतरिक्ष में होगी आफत और अंतरिक्ष से आएगी धरती पर तबाही।
- मुंबई से कई गुना बड़ा ग्लेशियर पिघल जाएगा, कई शहर जलमग्न हो जाएंगे।
- पूरे विश्व का क्लाइमेट चेंज हो जाएगा, जिसके चलते सब कुछ बदल जाएगा।
- विश्व को महायुद्ध की ओर शनि धकेलेगा लेकिन बचाएगा बृहस्पति।
1. शनि का धनु में प्रवेश: 26 जनवरी 2017 अक्टूबर में जब शनि ने बृहस्पति की राशि धनु राशि में प्रवेश किया था तभी से देश-दुनिया में राजनीतिक और प्राकृतिक रूप से ऐसी घटनाएं घटने लगी थी जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी। भारत में योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। दुनियाभर में सत्ता परिवर्तन देखने को मिला। किसान आंदोलन, जीएसटी अधिनियम, भारत की अंतरिक्ष में बड़ी छल्लांग आदि बहुत कुछ।
2. शनि का मकर में प्रवेश: 24 जनवरी 2020 में शनि ने स्वयं की राशि मकर राशि में प्रवेश किया था, तब दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप फैल गया था। मकर के स्वराशिस्थ शनि ने देश और दुनिया को बदल कर रख दिया। इसकी पहले से ही आशंका व्यक्त की जा रही थी कि शनि जब मकर में जाएगा तो कुछ बड़ा होने वाला है। कोरोना वायरस के चलते लाखों लोगों की मौत हो गई और पुरी दुनिया का राजनीति और आर्थिक परिदृष्य बदल गया।
3. शनि का कुंभ में प्रवेश: 29 अप्रैल 2022 को शनि ने अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश किया था, तब महामारी का दौर खत्म हुआ और दुनियाभर में युद्ध, अराजकता, महंगाई, प्रदर्शन और सत्ता परिवर्तन का नया दौर प्रारंभ हुआ। शनि के कुंभ गोचर मार्गी और वक्री काल में ही भूकंप और बड़े तूफान के साथ ही यूक्रेन और रशिया के बाद इजरायल और हमास का युद्ध भी शुरू हो चला।
4. शनि का मीन राशि में प्रवेश: 29 मार्च 2025 को जब शनि ग्रह कुंभ से निकलकर बृहस्पति की मीन राशि में प्रवेश करेगा तब दुनिया में एक बार फिर से बड़े बदलाव होंगे। ऐसे बदलाव जैसा कि 2017 के बाद देखने को मिले थे। कुंभ राशि में स्थित शनि के प्रभाव के कारण अकाल, युद्ध, विस्फोट, भूचाल, महामारी के साथ ही 2025 में कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आने की संभावना भी है जिसके चलते बड़ी तादाद में जन-धन हानि होने की आशंका है। इसी के साथ ही सत्ता परिवर्तन के भी योग बन रहे हैं।
29 मार्च 2025 को शनि राशि परिवर्तन करेंगे और 30 मार्च को हिंदू नववर्ष 2082 प्रारंभ होगा। उस संवत्सर का नाम कालयुक्त संवत्सर है। मंगल और बृहस्पति को छोड़कर इस दिन 6 ग्रह मीन राशि में लग्न में स्थित होंगे और यह सभी सामने स्थित केतु को देखेंगे। बृहस्पति वृषभ में पराक्रम भाव में और मंगल मिथुन में चतुर्थ भाव में रहकर केतु पर दृष्टि डालेंगे। 9 में से 8 ग्रहों की दृष्टि यदि केतु पर पड़ रही है तो यह असाधारण घटना है जो सैकड़ों साल बाद कभी घटित होती है। केतु को मोक्ष का दाता कहा गया है जिससे जाना जा सकता है कि दुनिया मैं किस तरह का बदलाव होने वाला है।
5. बृहस्पति संभालेंगे विश्व के हालात: 29 मार्च 2025 तक शनि कुछ बड़ा करने वाले हैं जिसके कारण देश और दुनिया में उथल-पुथल मच जाएगी, लेकिन इस भयंकर समय को ठीक करने के लिए बृहस्पति यानी गुरु अपनी चाल बदलेंगे। बृहस्पति अतिचार हो जाएंगे यानी बृहस्पति एक वर्ष तक एक राशि में रहते हैं लेकिन उससे कम समय में तेजी से गति करते हुए वह वृषभ को छोड़कर मिथुन में जाकर वक्री होंगे और कुछ समय बाद पुन: वृषभ में लौट आएंगे। ऐसा लगातार 8 वर्षों तक चलेगा। 8 वर्षों में आरपार की लड़ाई होगी। उसके बाद अगले 8 वर्षों में विश्व शांति की स्थापना होगी।