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Home ›   Blogs Hindi ›   Ashwin Amavasya 2023: Ashwin Amavasya, special time for worship of ancestors, know its importance

Ashwin Amavasya 2023: आश्विन अमावस्या, पितरों की पूजा का विशेष समय जानें इसका महत्व

my jyotish expert Updated 09 Oct 2023 12:38 PM IST
Ashwin Amavasya 2023
Ashwin Amavasya 2023 - फोटो : my jyotish
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अमावस्या का समय कई मायनों में विशेष माना जाता है. यह धार्मिक क्रिया कलापों और पितर कार्यों के लिए बहुत अनुकूल माना जाता है. इस वर्ष आश्विन माह की अमावस्या 14 अक्टूबर के दिन मनाई जाएगी. हर साल पितृ पक्ष के दौरान आने वाली आश्विन अमावस्या बहुत खास मानी जाती है. आश्विन मास की अमावस्या तिथि के दौरान पितर पूजन किया जाता है. आश्विन मास की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जानी जाती है. इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू हो गया है. जो 14 अक्टूबर को समाप्त होगा. सर्वपितृ अमावस्या को पितरों की विदाई का समय भी माना जाता है और इस दिन से पितृ पक्ष की समाप्ति का समय होता है. 
  
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अश्विन अमावस्या पितर पूजन समय 
अमावस्या तिथि चंद्रमा की पूजा एवं पितरों की पूजा के लिए विशेष महत्व रहा है. पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि को अमावस्या कहा जाता है.  इस तिथि पर कई तरह के धार्मिक पूजा पाठ संपन्न होते हैं. इस समय पर मृत सदस्यों का श्राद्ध भी किया जाता है. इसी के साथ जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि को हुई हो या जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं है ऐसे में उन के लिए अमावस्या का समय बेहद विशेष मानते हैं. आइए जानते हैं अमावस्या के दिन किया जाने वाला पूजा पाठ और इसकी महत्ता कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए.  

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अमावस्या तिथि समय 
आश्विन मास की अमावस्या तिथि का आरंभ 13 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन से संध्या समय 21:20 से होगा. अमावस्या तिथि का समापन 14 अक्टूबर 2023 को रात 23:25 बजे होगा. ऐसे में अश्विन  अमावस्या का समय 14 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन अमावस्या के दिन गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्ति को दान अवश्य करना चाहिए. इस दिन ब्राह्मण को भोजन करया जाता है तथा स्नान दान का विशेष महत्व होता है. इस समय पर पितरों की शांति का समय होता है और उनकी शांति रहती है. पितरों की नाराजगी से बचने के लिए घर आए जरूरतमंद व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ दान करना चाहिए. 
 
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