जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
गुप्त नवरात्रि शुभ समय तिथि मुहूर्त
इस वर्ष 18 जून दिन रविवार के दिन से आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि का आरंभ होगा इस का आरंभ प्रात: समय 10 बजकर 6 मिनट से होगा. हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होती है. एक वर्ष में दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि आती हैं. गुप्त नवरात्रि में मां दस महाविद्याओं की पूजा मुख्य रुप से की जाती है. तंत्र-मंत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि को अच्छा माना जाता है. इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि नव दिनों की है. इन दिनों की नवरात्रि को शुभ माना जाता है.
आषाढ़ गुप्त नवरात्र के समय भी माता के आहवान स्थापना का समय विशेष होता है. कलश स्थापना के साथ ही पूजा आरंभ हो जाती है. पंचांग के अनुसार इस वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून रविवार को सुबह 10 बजकर 6 मिनट से शुरू हो रही है. यह तिथि अगले दिन सोमवार 19 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर है. प्रतिपदा तिथि 19 जून को है, इसलिए आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून से शुरू होगी. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि वृद्धि योग में होने से यह शुभदायक होगा. इस समय किया गया पूजन शुभ फलों में वृद्धि प्रदान करने वाला होगा.
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का कलश स्थापना 19 जून को सुबह 05:23 से 07:27 तक रहने वाला है इसके पश्चात अभिजित मुहूर्त के साथ भी स्थापना शुभ रहेगी. दोपहर में अभिजित मुहूर्त भी घटस्थापना के लिए शुभ होता है और इस दिन दोपहर में घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त 11:55 से 12:50 तक है.
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि महत्व
गुप्त नवरात्रि के दौरान पूजा विधान वही है जो किसी अन्य नवरात्रि के दौरान होता है. गुप्त नवरात्रि के दौरान, भक्त उपवास रखते हैं और देवी दुर्गा की पूजा करते हैं.नवरात्रि के अलग-अलग दिनों में देवी के अन्य रूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन, जिसे घटस्थापना के नाम से भी जाना जाता है, माँ दुर्गा की एक मूर्ति रखी जाती है. भक्त मूर्ति को लाल चुनरी से सजाते हैं माता को कई तरह की भेंट प्रस्तुत करते हैं. इसी के साथ नौ दिनों तक भक्ति भव के साथ नवरात्रि मनाई जाती है.