जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
हिंदू मान्यता के अनुसार जेठ के महीने में पड़ने वाली अपरा एकादशी व्रत का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व होता है. मान्यता है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने पर न सिर्फ व्यक्ति के जीवन से जुड़ी प्रेत बाधा दूर होती है, बल्कि यह प्रेत योनि से भी मुक्ति दिलाता है. मान्यता है कि अपरा एकादशी व्रत के शुभ फल से साधक सभी सुखों को भोगते हुए अंत समय में मोक्ष को प्राप्त होता है.
कब करें अपरा एकादशी व्रत का पारण
पंचांग के अनुसार आज 15 मई 2023 को अपरा एकादशी व्रत रखा जा रहा है. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु का यह व्रत तब जाकर पूरा होता है जब इसका शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पारण किया जाए.
पंचांग के अनुसार अपरा एकादशी व्रत का पारण 16 मई 2023 को सुबह 06:41 से 08:13 बजे किया जाना अत्यंत ही शुभ रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में अपरा एकादशी व्रत का पारण करने पर उसका पूर्ण फल प्राप्त होगा.
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अपरा एकादशी व्रत के नियम
- अपरा एकादशी का पुण्यफल पाने के लिए भगवान विष्णु की पूजा में पीला चंदन या हल्दी का तिलक अर्पित करें.
- अपरा एकादशी व्रत को करते हुए जब आप भगवान विष्णु को भोग लगाएं तो उसमें तुलसी दल जरूर साथ में चढ़ाएं.
- अपरा एकादशी व्रत में श्री हरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें और उनके लिए शुद्ध देशी घी का दीपक जलाएं.
- अपरा एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि को समाप्त करने से पहले कर लेना चाहिए, अन्यथा व्रत का पूरा फल नहीं मिलता है.