खास बातें
Trayodashi pujan : चैत्र मास के शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन अनंग देव का पूजन होता है. यह पूजन सुख एवं प्रेम की इच्छाओं को पूर्ण करता है. अनंग त्रयोदशी का संबंध कामदेव से रहा है ओर इस दिन इनकी पूजा विशेष मानी गई है.Anang Trayodashi Muhurat अनंग त्रयोदशी को पूजा मुहूर्त के लिए बहुत शुभ माना जाता है. प्रदोष व्रत के साथ अनंग त्रयोदशी पूजन का होना शुभ संयोग होता है. आइये जान लेते हैं इस पावन व्रत की कथा, पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त.
विंध्याचल में कराएं चैत्र नवरात्रि दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ पाएं अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य : 09 अप्रैल - 17 अप्रैल 2024 - Durga Sahasranam Path Online
अनंग त्रयोदशी 2024 प्रदोष पूजा
चैत्र मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी तिथि कहते हैं. हिंदू धर्म काम देवता को अनंग कहा जाता है, इसलिए इस तिथि पर देवों के देव महादेव के प्रदोष व्रत के साथ काम देवता की पूजा का भी विधान है. पंचांग के अनुसार देवों के देव महादेव और प्रेम के देवता कामदेव की पूजा के लिए अत्यंत ही शुभ मानी जाने वाली त्रयोदशी तिथि 21 अप्रैल 2024 के दिन मनाई जाएगी इसी दिन व्रत एवं पूजन किया जाएगा.कामाख्या देवी शक्ति पीठ में चैत्र नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 09 अप्रैल -17 अप्रैल 2024 - Durga Saptashati Path Online
अनंग त्रयोदशी पर करें भगवान शिव देवी पार्वती जी की आरती
अनंग त्रयोदशी के दिन भगवान शिव और पार्वती का पूजन करने का विधान है. साथ में कामदेव ओर देवी रति की पूजा होती है. इस दिन रात्रि जागरण करने का विधान है. पूजन में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करनी विशेष होती है. मान्याता है कि ऐसा करने सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
चैत्र नवरात्रि कालीघाट मंदिर मे पाए मां काली का आशीर्वाद मिलेगी हर बाधा से मुक्ति 09 अप्रैल -17 अप्रैल 2024
भगवान शिव की आरती
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ऊँ जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ऊँ जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ऊँ जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ऊँ जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ऊँ जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
जय शिव ओंकारा हर ऊँ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ऊँ जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
माता पार्वती जी की आरती
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
देव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
हिमाचल प्रदेश के ज्वाला देवी मंदिर में चैत्र नवरात्रि पर सर्व कल्याण हेतु कराएं 11000 मंत्रों का जाप और पाएं गृह शांति एवं रोग निवारण का आशीर्वाद 09 -17 अप्रैल 2024
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्याता
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
देवन अरज करत हम चित को लाता
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
गावत दे दे ताली मन मेंरंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।