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Home ›   Blogs Hindi ›   Ambubachi Mela 2023: Ambubachi Mela, the biggest important festival of Maa Kamakhya Shakti Peeth

Ambubachi Mela 2023: अम्बुबाची मेला, मां कामाख्या शक्ति पीठ का सबसे विशाल महत्वपूर्ण पर्व

Acharya RajRani Updated 22 Jun 2023 11:31 AM IST
Ambubachi Mela 2023: अम्बुबाची मेला, मां कामाख्या शक्ति पीठ का सबसे विशाल महत्वपूर्ण पर्व
Ambubachi Mela 2023: अम्बुबाची मेला, मां कामाख्या शक्ति पीठ का सबसे विशाल महत्वपूर्ण पर्व - फोटो : google
असम के गुवाहाटी शहर में स्थित मां कामाख्या शक्ति स्थल पर अंबुबाची मेले का आयोजन हर साल जून माह में किया जाता है. देवी कामाख्या तंत्र-मंत्र की देवी हैं और इस मेले की विशेषता के लिए सबसे उत्तम स्थान माना जाता है.

मां कामाख्या शक्ति तीर्थ देश भर के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है. मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर सती के अंग गिरे थे. पौराणिक काल में जहां-जहां देवी सती के शरीर के अंग पृथ्वी पर गिरे, उन स्थानों को शक्तिपीठों के रूप में पूजा जाता है.

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अम्बुबाची मेले का महत्व 
धार्मिक मान्यताओं के आधार पर यह समय देवी के रजस्वला होने का समय होता है. इन 3 दिनों में साधु-संतों से लेकर आम लोग भी देवी की भक्ति और शक्ति से खुद को जुड़ा हुआ पाते हैं. इस अवधि के अंत में मंदिर के पट भक्तों के लिए फिर से खोल दिए जाते हैं जहां भक्तों को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों को माता के लाल वस्त्र मिलते हैं. इस वस्त्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है,

लाल रंग के कपड़े का यह छोटा सा टुकड़ा भक्तों को असीमित शक्तियों का आशीर्वाद देता है. इसके लिए इसे खोला जाता है, जिसके बाद भक्त माता के दर्शन कर सकते हैं. यहां भक्तों को मिलता है अनोखा प्रसाद. तीन दिनों तक देवी सती के मासिक धर्म के कारण माता के दरबार में एक सफेद कपड़ा रखा जाता है. तीन दिनों के बाद कपड़े का रंग लाल हो जाता है, फिर इसे भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है.

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मां कामाख्या से जुड़ा है मेला
असम में स्थित माँ कामाख्या का पवित्र धाम तंत्र-मंत्र की साधना के लिए अति उत्तम माना जाता है. हर साल इस मंदिर के कपाट भक्तों के लिए तीन दिनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं. मां कामाख्या के मंदिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं है, क्योंकि यहां उनकी योनि की पूजा करने का विधान है. हर साल जून के महीने में देवी अपने मासिक धर्म में प्रवेश करती हैं. इस साल अंबुवाची मेला 22 से 25 जून के बीच मनाया जाएगा.

देवी के मासिक धर्म के दौरान तीन दिनों तक मंदिर बंद रहता है और उसके बाद चौथे दिन भक्तों को माता के दर्शन करने की अनुमति दी जाती है. अंबुवाची उत्सव में भाग लेने के लिए देश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं. इस समय साधु-संतों का विशेष आगमन भी देखा जाता है.

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