खास बातें
Solar Eclipse 2024 Amavasya 2024: इस साल चैत्र माह की अमावस्या के दिन लग रहा है सूर्य ग्रहण का योग जो होगा बहुत दुर्लभ संयोग. इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण कई मायनों में विशेष होने वाला है यह एक लंबे समय तक रहेगा और साथ ही अमावस्या के दिन ग्रहण का योग देता हैChaitra Amavasya 2024 Surya Grahan साल की इस पहली सोमवती अमावस्या के साथ चैत्र अमावस्या का संयोग बन रहा है. इसी के साथ ग्रहण का होना जो पूर्ण सूर्य ग्रह होगा ऎसे में जरूर करें कुछ विशेष पूजा कार्य. आइये जान लेते हैं सूर्य ग्रहण के साथ सोमवती अमावस्या का शुभ ग्रहण अमावस्या पूजा मुहूर्त.
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चैत्र अमावस्या के साथ ग्रहण योग
इस साल 8 अप्रैल 2024 को साल की पहली सोमवती अमावस्या का दिन होगा. पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को प्रात:काल से ही आरंभ होगी 3:11 बजे शुरू होगी और 8 अप्रैल को ही रात 11:50 बजे इसकी समाप्ति होने वाली है. ऎसे में उदया तिथि के कारण सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल 2024 के दिन ही मनाई जाएगी. लेकिन इसी के सतह इस दिन पर ग्रहण का असर भी होगा. सोमवार के दिन 8 अप्रैल 2024 को चैत्र मास की सोमवती अमावस्या के सतह ही सूर्य ग्रहण का प्रभाव भी देखने को मिलेगा. शास्त्रों के अनुसार जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है तो इसे सोमवती अमावस्या के रुप में पूजा जाता. वहीं अगर इस समय ग्रहण का प्रभाव हो तब यह और भी खास समय बन जाता है.कामाख्या देवी शक्ति पीठ में चैत्र नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 09 अप्रैल -17 अप्रैल 2024 - Durga Saptashati Path Online
ग्रहण अमावस्या का विशेष महत्व
ग्रह की अमावस्या का बहुत महत्व माना गया है. ग्रह की अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस ग्रहण अमावस्या के दिन व्रत, पूजा और पवित्र नदियों में स्नान का भी खास प्रभाव होता है. ग्रह दोष निवारण के लिए यह दिन बहुत शुभ माना जाता है. ग्रहण अमावस्या पर किया गया दान-पुण्य और तीर्थ यात्रा स्नान को तप में वृद्धि देनेन वाला माना गया है. इस समय पर किया गया अध्यात्मिक स्नान पुण्य प्रदान करता है तथा मन शांत हो जाता है और नकारात्मक चीजें समाप्त होने लगती हैं. ग्रहण की तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. स्नान के साथ ही जरूरतमंद लोगों को दान करना, पितरों के लिए दान कार्य करना उत्तम होता है.
स्नान दान की अमावस्या 2024
ग्रहण एवं अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करना शुभ होता है. अमावस्या के दिन पितरों को याद करके कुश का पवित्र धागा हाथ में धारण करना जल से तर्पण करना पितरों की पूजा करते समय पितृ सूक्त का पाठ करना ये सब कार्य शांति प्रदान करते हैं.
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अमावस्या के दिन होने के कारण शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. अभिषेक करते हुए ॐ नमः शिवाय मंत्र का निरंतर जाप करते रहना चाहिए. मंत्र साधना एवं अभिषेक द्वारा महादेव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं.
अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ होता है. पीपल बड़ इत्यादि पेड़ों की जड़ों को पानी और दूध से सींचना शुभ होता है. पवित्र धागा और तेल का दीपक अर्पित करने के साथ पेड़ की परिक्रमा करते हुए ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए. इस उपाय से पितृ दोष दूर हो जाता है तथा धन समृद्धि की प्राप्ति होती है.
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