खास बातें
ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो गई है और ऎसे में इस समय किया जाने वाला विष्णु पूजन भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देने वाला होता है. शास्त्रों के अनुसार इस माह भगवान श्री हरि के पूजन से संकटों से मुक्ति का मिलता है आशीर्वाद.
विज्ञापन
विज्ञापन
ज्येष्ठ माह में भगवान का पूजन देता है सुख समृद्धि का वरदान
ज्येष्ठ माह को विशेष महत्व दिया गया है और इस माह के समय पर हरि पूजन के साथ जरण एवं नाम सुमिरन की महत्ता के द्वारा सभी प्रकार के सुख मिलने संभव होते हैं. शास्त्रों की मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के दिन यदि भक्त श्री हरि का स्मरण और विधि से पूजन करता है तो उसे कर्मों को शुभता मिलती है. जीवन में पापों का शमन होता है. हर ओर से भक्त को खुशहाली की प्राप्ति होती है. भगवान इस समय पूजन द्वारा शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
ज्येष्ठ माह श्री विष्णु के साथ होता है माता लक्ष्मी का पूजन
इस माह हरि के साथ लक्ष्मी पूजन के द्वारा भक्त को धन धान्य की प्राप्ति होती है. व्यक्ति के जीवन से अलक्ष्मी का प्रभाव कम होता चला जाता है ओर लक्ष्मी माता का आशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है. यदि इस माह श्री हरि को शंख द्वारा अभिषेक करवाया जाए तो भगवान जल्द ही प्रसन्न होते हैं. भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. शंख का पूजन श्री हरि की कृपा पाने का विशेष साधन भी रहा है. इसके द्वारा भक्तों के कष्ट दूर होने सत्यता भी प्रमाणिक है. ज्येष्ठ माह का समय भगवान विष्णु को समर्पित है लेकिन साथ ही इस समय पर देवी लक्ष्मी की कृपा भी भक्तों को पूर्ण रुप से प्राप्त होती है.
भगवान के पूजन से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं
ज्येष्ठ माह के समय पर भगवान विष्णु की पूजा को विशेष महत्व प्राप्त है. इस माह स्नान दान से संबंधित कार्यों के द्वारा भक्त पुण्य फलों को पाते हैं. कहा जाता है कि अगर ज्येष्ठ माह के दिन भगवान श्री हरि की विधि से पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. भगवान जल्द ही प्रसन्न होते हैं. जीवन की समस्याओं का समाधान भक्तों को प्राप्त होता है.
ज्येष्ठ माह में स्नान दान का महत्व
ज्येष्ठ माह को भगवान विष्णु की कृपा पाने का शुभ फल है साथ ही इस समय स्नान दान का भी विशेष प्रभाव होता है. इस माह के दौरान भक्त सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान-ध्यान के बाद दान के काम करता है तो उसे शुभ फल मिलते हैं इस माह के दौरान किया गया दान विशेष रुप से जल का दान महादान होता है. इस समय लोग भक्तों को पीने का पानी प्रदान करते हैं तो उन्हें विशेष शुभता मिलती है.