Akshay Navami
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अक्षय नवमी अर्थात शुभ कर्मों का अक्षय हो जाना. यह वह समय होता है जब किए जाने वाले आध्यात्मिक धार्मिक कृत्य अक्षय रुप में प्राप्त होते हैं. हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी मनाने की परंपरा है. इस दिन को श्री विष्णु पूजन के रुप में मनाते हैं. इस दिन पर भक्त जीवन को सुखमय बनाने में सफल होते हैं.
इस दिन एक जाने वाले सभी शुभ फल प्राप्त होते हैं. इस अक्षय नवमी के दिन पेड़ पौधों का पूजन करना तथा प्रकृत्ति के प्रति अपना समर्पण प्रकट करना विशेष फल प्रदान करता है. एक विशेष कर्म के रुप में इस दिन आंवले का पौद्धा तुलसी का पौधा तथा पीपल का वृक्ष पूजनीय होता है.
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अक्षय नवमी पर श्री विष्णु पूजन
अक्षय नवमी के दिन पर श्री विष्णु पूजन द्वारा भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है. इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. इसके साथ ही पीपल एवं तुलसी का पूजन भी इस दिन पर महत्व रखता है. इसलिए इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा के साथ ही अन्य वृक्षों का पूजन करने से मनचाहा वरदान मिलता है. शास्त्रों का कहना है कि अक्षय नवमी के दिन आंवले का सेवन भी करना उत्तम होता है. इस दिन पर किए जाने वाला पूजा एवं दान कार्य अक्षय फल देने वाला होता है.
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अक्षय नवमी से मिलता है आर्थिक समृद्धि का फल
अक्षय नवमी के दिन पूजा पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती और घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है. ऐसा माना जाता है कि श्री लक्ष्मी का पूजन करने से व्यक्ति को धन धान्य का सुख मिलता है.
अक्षय नवमी के दिन आंवले का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन की सभी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं. इस दिन गरीबों को भोजन कराना बहुत शुभ माना जाता है. इस कर्म द्वारा व्यक्ति को अपने जन्मों जन्मों के शुभ फल वृद्धि को पाते हैं और उनका नाश नहीं होता है. जीवन में अन्न और धन के भंडार कभी खत्म नहीं होते.