Aja Ekadashi
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भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है. कुछ स्थानों पर इसे जया एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस बार यह व्रत 10 सितंबर 2023 को रखा जाएगा. धार्मिक ग्रंथों में इस एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार जब भी ऐसा योग बनता है तो तिथि के योग में ही एकादशी व्रत करना सर्वोत्तम माना जाता है. अजा एकादशी पर भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरूप की पूजा की जाती है. आगे जानिए इस एकादशी के दिन किन चीजों को करना शुभ होता है और किन कार्यों से मिलता है विशेष लाभ
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अजा एकादशी का महत्व
अजा एकादशी व्रत की महिमा कई पुराणों में वर्णित है यह शुभ फलों को प्रदान करने वाला होता है. भगवान शिव ने महर्षि नारद को उपदेश दिया कि अजा एकादशी महान पुण्य देने वाला व्रत है. वहीं महाभारत में श्री कृष्ण पांड्वों को इस व्रत की महिमा का वर्णन करते हैं. मान्यता है कि भक्तों को यह व्रत अवश्य करना चाहिए. इस व्रत को करने से राजा हरिश्चंद्र को उनका राज्य वापस मिल गया और उनका मृत पुत्र जीवित हो गया. इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की पूजा करने से जाने-अनजाने में हुए सभी प्रकार के पाप और दोष समाप्त हो जाते हैं.
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शुभ फल पाने के लिए इस दिन क्या करें
अजा एकादशी पर विष्णु जी के लिए व्रत और विशेष पूजा की जाती है.
पूजा-पाठ के साथ-साथ कुछ अन्य कार्य करने की भी परंपरा है, जिससे शुभ फल मिलता है.
इस दिन जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करना बहुत शुभ होता है.
अजा एकादशी के दिन मंदिर में पूजन सामग्री जरुर अर्पित करनी चाहिए.
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से सकारात्मक परिणाम अवश्य प्राप्त होते हैं. इन मंत्रों के जाप से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.
अजा एकादशी के दिन गौ सेवा करने का भी विशेष महत्व है.
अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए फिर घर की साफ-सफाई करके पूजन स्थान पर भगवान को स्थापित करना चाहिए. पूजा मंत्र जाप एवं दान कार्य करने से यह समय शुभ होता है.
इस प्रकार स्नान करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस प्रकार जो व्यक्ति अजा एकादशी के नियमों का पालन करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं