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Home ›   Blogs Hindi ›   Aja Ekadashi 2023: Aja Ekadashi fast, know date, auspicious time and significance.

Aja Ekadashi 2023: अजा एकादशी व्रत, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व.

my jyotish expert Updated 08 Sep 2023 10:42 AM IST
Aja Ekadashi 2023
Aja Ekadashi 2023 - फोटो : google
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अजा एकादशी व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस साल अजा एकादशी 10 सितंबर को है. ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त इस दिन व्रत रखता है और सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे वैकुंठ की प्राप्ति होती है.  हर महीने में दो एकादशियां व्रत रखे जाते हैं जिसमें से एक कृष्ण पक्ष में आता है और दूसरा शुक्ल पक्ष के दौरान आता है. कुल मिलाकर साल भर में 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं, जब अधिक मास आता है तो इसमें दो एकादशियों की अधिकता हो जाती है. एका दशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है.  ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उन्हें वैकुंठ की प्राप्ति होती है.  

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अजा एकादशी 2023 पूजा-मुहूर्त
अजा एकादशी व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है, साथ ही इस व्रत को करने का पुण्य अश्वमेध यज्ञ के बराबर माना जाता है. आइए जानते हैं इस साल अजा एकादशी की पूजा का शुभ समय और बनने वाले शुभ योग के बारे में. हिंदू पंचांग गणना के अनुसार भाद्रपद कृष्ण एकादशी तिथि 9 सितंबर को शाम 07:17 बजे शुरू होगी और 10 सितंबर को रात 09:28 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के आधार पर अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर को रखा जाएगा.अजा एकादशी के दिन पूजा का शुभ समय सुबह 07:37 बजे से शुरू होकर 12:18 बजे तक रहेगा. इस दौरान आप किसी भी समय अजा एकादशी की पूजा कर सकते हैं. अजा एकादशी का व्रत 11 सितंबर को सुबह खोला जाएगा. पारण का समय सुबह 6.04 बजे से 8.33 बजे तक है.

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अजा एकादशी पर होंगे शुभ योग 
इस साल अजा एकादशी पर रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाएगा. एकादशी के दिन रवि पुष्य योग शाम 5.06 बजे शुरू होगा और अगले दिन सुबह 6.04 बजे तक रहेगा. इस योग में कोई भी नया काम शुरू करना बहुत शुभ माना जाता है. इसके अलावा रवि पुष्य योग पर सोने-चांदी के आभूषण, वाहन, संपत्ति, कपड़े, बर्तन जैसी चीजें खरीदना भी शुभ होता है. एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग विशेष अवसरों पर पड़ने वाले विशेष नक्षत्रों के संयोग से बनता है.
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