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9th Mangala Gauri udyapan : इस दिन रखा जाएगा नवां मंगला गौरी व्रत उद्यापन विधि के साथ पूर्ण होगा व्रत

my jyotish expert Updated 29 Aug 2023 09:54 AM IST
9th Mangala Gauri udyapan : इस दिन रखा जाएगा नवां मंगला गौरी व्रत उद्यापन विधि के साथ पूर्ण होगा व्र
9th Mangala Gauri udyapan : इस दिन रखा जाएगा नवां मंगला गौरी व्रत उद्यापन विधि के साथ पूर्ण होगा व्र - फोटो : my jyotish
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सावन का नौवां मंगला गौरी व्रत कांअब 29 अगस्त 2023 के दिन रखा जाएगा. इस दिन व्रत के उद्यापन के साथ ही पूजा का संपूर्ण फल भक्त को प्राप्त होता है. मंगला गौरी व्रत के उद्यापन की विधि एवं उससे संबंधित पूजा कार्यों को करके व्रत को पूरा किया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार व्रत का उद्यापन करने से ही व्रत के शुभ फल मिल पाते हैं. अब सावन के अम्तिम पड़ाव के साथ ही मंगला गौरी व्रत का भी समापन होगा. मंगला व्रत का महत्व पुराणों के अनुसार इस प्रकार रहा है कि जिन अविवाहित लड़कियों के विवाह में कोई बाधा आ रही हो या उनके वैवाहिक जीवन में खुशहाली कम हो रही है तो उनके लिए यह व्रत बेहद शुभ होता है. 
 
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इसके अलावा संतान की कना के लिए तथा पुत्र प्राप्ति एवं उसके सुखी जीवन के लिए इस व्रत को करते हैं.  जीवन में मिलने वाली पारिवारिक सुखों के लिए इसका विशेष महत्व है, जो भी अविवाहित लड़कियां या सौभाग्यशाली महिलाएं इस व्रत को करती हैं उन्हें जीवन में अपने साथी का सुख अवश्य मिलता है. 
 
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मंगला गौरी पूजा एवं उद्यापन विधि 
गौरी पूजन नाम से ही स्पष्ट है कि यह व्रत मां गौरा यानी मां पार्वती के लिए किया जाता है. पुराणों के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव-पार्वती को अत्यंत प्रिय है. इसलिए यह व्रत केवल श्रावण मास के मंगलवार को ही किया जाता है. इसलिए इसे मंगला गौरी भी कहा जाता है. इस दिन सोलह बत्तियों वाले दीपक से मंगला गौरी की आरती करते हैं कथा सुनते हैं. सोलह लड्डू अपनी सास को और बाकी चीजें किसी ब्राह्मण को दान करते हैं. पांच वर्ष तक मंगला गौरी की पूजा करने के बाद पांचवें वर्ष श्रावण के अंतिम मंगलवार को यह व्रत करने के बाद उद्यापन करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन की कुंडली में मांगलिक योग होता है उन्हें इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इससे उनकी कुंडली में मौजूद मंगल का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है. 

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मंगल दोष शांति करता है व्रत 
ज्योतिष अनुसार मंगल ग्रह को वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ माना जाता है क्योंकि कुंडली में मंगल की विशेष स्थिति के कारण मांगलिक योग बनता है जो वैवाहिक जीवन में कई तरह की परेशानियों का कारण बनता है. मंगल ग्रह की शांति के लिए मंगलवार का व्रत एवं सावन के मंगलवार की पूजा सर्वोत्तम मानी जाती है. सावन माह में सोमवार के अलावा मंगलवार का दिन भी शास्त्रों में महिलाओं के लिए भाग्यशाली बताया गया है.
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