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आज का दौर विज्ञान और टेक्नोलॉजी का दौर है। लगातार समय में परिवर्तन चलते सभी माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं। जब स्टूडेंट पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता तो यह पेरेंट्स के लिए सिर दर्द बन जाता है। कई मामलों में स्टूडेंट हजारों कोशिशों के बाद भी अपनी पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाते। इसके समाधान के लिए आज इस लेख में हम इसी विषय के बारे में आपको बताएगें। साथ ही हम आपको ज्योतिषविद् के बताये वास्तु के कुछ खास टिप्स भी बताएगें।
पढ़ाई करते समय रखना चाहिए इन बातों का ध्यान
पढ़ाई में ध्यान न लगा पाना, इसका सबसे बड़ा कारण हो सकता इलेक्ट्रानिक गैजेट का ज्यादा इस्तेमाल, जिससे बच्चों की एकाग्रता भंग होती है। इसके अलावा भी कई ऐसे कारण हो सकते हैं जैसे घर का वास्तु, कुंडली में कोई दोष, स्टडी रूम का वास्तु या फिर जिस दिशा में आपका बच्चा बैठकर अध्ययन करता है आदि।
घर का डिजाइन करवाते समय, इन बातों का रखें ध्यान
कंस्ट्रक्शन के दौरान डिजाइन करवाते समय यह बात ध्यान रखें कि आपका कमरा पूर्वी उत्तर कोने में होना चाहिए। अगर यह संभव न हो तो उत्तर दिशा में भी आप अपना कमरा बनवा सकते हैं।
लेकिन याद रखिये कमरे का दरवाजा पूर्वी उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। घर बनवाते समय एक अन्य बात आपको ध्यान में रखनी चाहिए कि कभी भी वाशरूम बच्चों के बैडरूम और स्टडी रूम के ऊपर न हो। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है जिसका प्रभाव आपके बच्चे पर भी पड़ता है।
आपके स्टडी रूम में ये होने से लगेगा पढ़ाई में मन
माना जाता है कि इससे पढ़ाई का माहौल बनता है साथ ही बच्चे का कॉन्सेंट्रेशन पावर भी बढ़ता है। कमरे में अच्छे चित्र लगाएं जैसे दौड़ते हुए घोड़े, उगता हुआ सूरज आदि इससे आपके बच्चे के कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा। भूलकर भी कमरे में नकारात्मक तस्वीरें ना लगाएं। सरस्वती देवी ज्ञान की देवी होती है। सरस्वती देवी मां का चित्र कमरे के दक्षिण दिशा में लगाना शुभ होता है।
सुबह जल्दी उठने से होगी दिन की अच्छी शुरूआत
ब्रह्ममुहूर्त सुबह 4 से 6 बजे तक रहता है। इस समय बच्चों का उठना शुभ होता है। साथ ही उन्हें ॐ भवाये विद्यम देहि देहि ॐ नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। इन उपायों से आपके बच्चे की पढ़ाई में सुधार आएगा और वह अच्छा प्रदर्शन कर पाएगा। यह सभी उपाय आपके बच्चे के लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे।