रुद्राभिषेक के शुभ फल :-
महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शिव के काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का बहुत ही विशेष महत्व है। ऐसा इसलिए भी माना जाता है क्यूंकि यह शिव का एक मात्र उपासना स्थल है जहां वह वाम रूप से अपनी शक्ति के साथ विराजमान है। सावन में शिव की उपासना को सबसे अहम माना जाता है। इस दौरान इस मंदिर की मान्यता और भी अधिक बढ़ जाती है। यह स्थान भगवान शिव और माता पार्वती का आदि स्थान माना गया है, जिसके कारण आदिलिंग के रूप में अविमुक्तेश्वर को ही प्रथम लिंग कहा जाता है।काशी को शिव का स्थान कहा गया है।
मान्यता है की इस मंदिर में सावन माह में ज्योतिर्लिंग पर रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। उसके सभी कष्ट दूर हो जातें है और उसके दुःख , सुख में परिवर्तित हो जातें है। हिन्दू धर्म के अनुसार प्रलयकाल में भी इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है। इसका स्थान अंत से अनादि काल तक है। इस मंदिर एवं यहाँ उपासना करने वाले भक्तों की रक्षा स्वयं भोलेनाथ करतें है। यदि कोई व्यक्ति बहुत व्यथित हो तो उसे अपने जीवन में सुख प्राप्ति हेतु काशी विश्वनाथ में रुद्राभिषेक अवश्य करवाना चाहिए।
हमारी सेवाएं :
हमारे पंडित जी द्वारा अनुष्ठान से पूर्व संकल्प करवाया जाएगा। साथ ही पूर्ण विधि - विधान से महादेव का पूजनकर रुद्राभिषेक संपन्न किया जाएगा।
प्रसाद :
• सूखा भोग
• बाबा का भस्म
• काला धागा ( हाथ में बांधने हेतु )
आज का राशिफल 05 मार्च : आज का दिन तीन राशियों के लिए बेहद शुभ, भाग्यफल से जानें अन्य राशियों का हाल
बाबा बैद्यनाथ धाम, यहाँ दर्शन मात्र से पूर्ण हो जाती हैं समस्त कामनाएं
क्यों किया जाता हैं कालभैरव अष्टक का पाठ, जानें कालाष्टमी व्रत के प्रभाव और विशेषता
आज का राशिफल 04 मार्च : धनु राशि के जातकों को हो सकती है परेशानी, भाग्यफल से जानें कैसा रहेगा दिन ?
अस्वीकरण : myjyotish.com न तो मंदिर प्राधिकरण और उससे जुड़े ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करता है और न ही प्रसाद उत्पादों का निर्माता/विक्रेता है। यह केवल एक ऐसा मंच है, जो आपको कुछ ऐसे व्यक्तियों से जोड़ता है, जो आपकी ओर से पूजा और दान जैसी सेवाएं देंगे।