काल सर्प दोष के लक्षण :
पूजा का फल :
सावन के महीने में किया हुआ हर शुभ पूजन सफल होता है। मान्यतानुसार, शिव जी सावन माह में पृथ्वी पर ही रहते हैं। इस पावन समय में शिवलिंग पर की गई पूजा फलदायी होती है। महादेव को नागों का स्वामी भी कहा जाता है। समस्त सर्प शिव-शम्भू के परम भक्त व आज्ञाकारी होते हैं। ऐसे में, कालसर्प दोष निवारण या किसी भी शुभ फल की इच्छा हेतु की गई शिवलिंग की विशेष पूजा कई गुना अधिक जल्दी व ज़्यादा फल देती है।
नाग पंचमी की तिथि नाग देव को समर्पित तिथि है। इस दिन पूजन करने से समस्त संसार के सर्प शिव जी के आदेश से उनके भक्तों को कभी नुक़सान नहीं पहुँचाते। यदि, नाग पंचमी को शुद्ध तन-मन से चाँदी या ताँबे का नाग व नागिन का जोड़ा मंत्र पढ़ते हुए पूरे विधि-विधान से चढ़ाया जाए, तो शिव जी की कृपा से काल सर्प दोष का निवारण तो होता ही है, साथ ही साथ यह पूजन करने या करवाने वाले के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। यजमान के सारे रुके हुए काम शीघ्र ही बनने लगते हैं।
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