सेवा के शुभ फल :
श्री कृष्ण को कान्हा, कन्हैया, देवकी नंदन, मधुसूदन इत्यादि जैसे कई नामों से जाना जाता है। श्री कृष्ण के बाल रूप को बड़े ही प्यार से भक्तगण बाल गोपाल या लड्डू गोपाल कह कर पुकारते हैं। श्री कृष्ण के जन्मोत्त्सव को बड़े ही धूम धाम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में हर वर्ष भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस दिन बाल गोपाल को तरह तरह के साज-श्रृंगार कर 56 भोग लगाया जाता है और पालने में बिठा कर झूला भी झुलाया जाता है। बाल गोपाल के साज-श्रृंगार में सब से महत्वपूर्ण होता है उनका वस्त्र जिसे पीताम्बर कहा जाता है। पीताम्बर जो की श्री कृष्ण का एक नाम भी है जिसका अर्थ होता है “पीला हो अम्बर जिसका” अर्थात् जो व्यक्ति पीला वस्त्र धारण करता हो यानी की श्री कृष्ण।
श्री कृष्ण के पीताम्बर धारण करने के पीछे भी एक कारण है। कई लोग यह सोचते हैं की इसका चयन श्री कृष्ण ने स्वयं किया था परंतु सत्य यह है कि जब श्री कृष्ण किशोर अवस्था में ऋषि संदीपनी के आश्रम शिक्षा ग्रहण करने गए थे तब वहाँ उन्होंने यह वस्त्र धारण किया था। महादेव को आराध्य मानने वाले कन्हैया ने महादेव के कंठ जैसा नीले आकाश का रंग धारण कर जन्म लिया था जिस पर पीताम्बर महादेव के आसन का आभाष देती थी।
पीला रंग बृहस्पति का रंग माना जाता है जिसमें चौदह (14) गुण वेद, पुराण, निषाद, योग, निष्ठा, संकल्प, सत्य वचन आदि निहित होते हैं । कहा जाता है की श्री कृष्ण ने वृष लग्न में चंद्रमा और केतु के साथ जन्म ले कर अपनी सभी इक्षाओं, कामनाओं इत्यादि पर जन्म से ही विजय पा ली थी। पीला रंग धन, बुद्धि इत्यादि का कारक है और मन को शांत रखता है। इस वजह से श्री कृष्ण ने इस रंग को धारण किया था और इसी कारण श्री कृष्ण जन्माष्टमी को बाल गोपाल को पीताम्बर (पितांबरी) पहनायी जाती है।
हमारी सेवाएं :
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर घर बैठे श्री कृष्ण को आपके नाम से पीताम्बरी पोशाक अर्पण किया जाएगा।
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