निम्मिन प्रकार के पापों से मिलती है मुक्ति :-
शारीरिक पाप :
वाणी पाप :-
मानसिक पाप :-
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह पर्व जेष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पड़ता है। गंगा दशहरा का पर्व माँ गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के लिए हर साल माँ गंगा घाट , हरिद्वार में मनाया जाता है। इस दिन समस्त पापों का विनाश हो जाता है। व्यक्ति के जीवन में व्यथा का वास नहीं होता है। अधूरे कार्यों की पूर्ति के लिए गंगा पूजन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पूजन में विशेष रूप से 10 अलग - अलग पापों से मुक्ति मिलती है। यह पाप जाने - अनजाने या तो शरीर , मन या वाणी के माध्यम से व्यक्ति सक्षम करता है। इसमें 3 प्रकार के पाप मानसिक होते है अथवा 4 वाणी द्वारा किए हुए एवं 3 देह द्वारा किए हुए। जिसके लिए उसे भारी दंड का भागी भी होना पड़ता है। परन्तु गंगा दशहरा पूजन को करने से यह पाप दूर होते है एवं उसे कोई कष्ट भी नहीं भोगना पड़ता। इस दिन माँ गंगा के पूजन से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन माँ गंगा के पूजन का विशेष महत्व माना जाता है।
गंगा दशहरा के दिन निम्मिन वस्तुओं का दान होता है महत्वपूर्ण
हरिद्वार की धरती बहुत पावन है। यह देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। गंगा दशहरा की पूजा हरिद्वार की माँ गंगा के रूप के समक्ष करने से व्यक्ति के जीवन से समस्त कष्ट दूर हो जातें है। पौराणिक कथनों के अनुसार महादेव ने माँ गंगा को अपनी जटाओं में भर लिया था। यदि कोई व्यक्ति जीवन की विकट परिस्थितियों से बहुत परेशान है और उनसे छुटकारा चाहता है तो उसे यह पूजन अवश्य ही करना चाहिए। यह पूजा उसके लिए बहुत ही लाभदायक प्रमाणित होती है।
हमारी सेवाएं :
हमारे युगान्तरित पंडित जी द्वारा आपके नाम से माँ गंगा का पूर्ण विधि -विधान से पूजन किया जाएगा। एवं यह 10 सामग्री दान स्वरुप माँ गंगा को अर्पण की जाएगी।
Aaj Ka Love Rashifal 28 July 2024: आज इन राशियों के रिश्तों में आ सकता है तनाव, जानें अपना लव राशिफल
Sawan Sheetala Saptami 2024: आज मनाई जाएगी सावन माह की शीतला सप्तमी जानें पूजा और आरती
अस्वीकरण : myjyotish.com न तो मंदिर प्राधिकरण और उससे जुड़े ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करता है और न ही प्रसाद उत्पादों का निर्माता/विक्रेता है। यह केवल एक ऐसा मंच है, जो आपको कुछ ऐसे व्यक्तियों से जोड़ता है, जो आपकी ओर से पूजा और दान जैसी सेवाएं देंगे।