पूजा के शुभ फल :-
शिव को आरण्य शक्ति में सबसे महत्वपूर्ण देवता के रूप में पूजा जाता है। महादेव की आकृति को दोनों ही रूपों में विख्यात किया गया है। वह भोलेनाथ भी है जिहे शिव के सौम्य रूप में जाना जाता है। साथ ही वह रूद्र भी है जिन्हे शिव के रौद्र रूप में जाना जाता है। इन्हे प्रत्येक व्यक्ति के चेतना का अंतर्यामी माना जाता है। शिव से बढ़कर न कोई है न कोई होगा। शिव इस संसार में अंत से अनादि काल तक कण कण में समाए हुए है। इन्हे संहार का देवता भी कहा जाता है।
शिव का महामृत्युंजय मंदिर चमत्कारी कहा जाता है। मान्यता है की इस स्थान पर शिव की स्तुति करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। कहते है की शिव पर बिल्या पत्र अर्पण करने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार के आर्थिक कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता है। महादेव स्वयं अपने भक्तों के सभी दुःख हर लेते है। यदि कोई व्यक्ति धन के आभाव से परेशान है और इससे जुड़ी विपदाओं से छुटकारा चाहता है तो उसे इस मंदिर में शिव की उपासना अवश्य करनी चाहिए।
हमारी सेवाएं :-
हमारे पंडित जी द्वारा फोन पर संकल्प करवाया जाएगा। पूर्ण विधि - विधान से शिव के हजार नाम के साथ 1000 बिल्या पत्र भोलेनाथ को अर्पण किए जाएंगे।
प्रसाद :
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