दर्श अमावस्या पर गया में कराएं पितृ तर्पण,पाएँ पितृदोष एवं ऋण से मुक्ति - 12 दिसंबर 2023
हर व्यक्ति पर शनि का असर अलग अलग दिखाई देता है. शनि की दशा हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी आती भी है. शास्त्रों के अनुसार शनि किसी को भी उनके कर्मों के अनुसार ही फल देता है. इस कारण से ही उन्हें न्यायाधीश और कर्मफल दाता कहा जाता है. ज्योतिष में कुंडली में मौजूद शनि मजबूत हो तो व्यक्ति जीवन में खूब सफलता हासिल करता है. लेकिन अगर शनि कमजोर हो तो व्यक्ति के जीवन में बहुत सी परेशानियां आ सकती हैं.
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शनि के प्रभाव से बचाव के लिए यदि मार्गशीर्ष माह में आने वाले शनिवार के दिन कुछ उपाय करें, तो आप शनिदेव की कृपा पा सकते हैं. शनि के कुछ उपाय करेंगे तो आपको शुभ परिणाम मिलेंगे. आइए जानते हैं शनिदेव के कौन से उपाय हैं जिन्हें करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी.
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शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मंत्र
मार्गशीर्ष माह के शनिवार के दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है. इस शुभ दिन पर सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ के नीचे कड़वे तेल का दीपक जलाना चाहिए. इसके साथ ही दूध अर्पित करें.शनिवार के दिन काले धागे को माला की तरह बना कर गले में धारण करने से कष्ट दूर होते हैं. इस समय इन कार्यों को करने से शनि के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं.
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शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैय्या से छुटकारा पाने के लिए मार्गशीर्ष माह के शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाना उत्तम माना जाता है. इसके बाद पीपल के पेड़ की कम से कम तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. शनिवार के दिन एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल भरें. इसके बाद उसमें अपनी परछाई देखकर तेल का दान कर देना विशेष माना गया है