ChandraGrahan 2023: इस दिन पद रहा है चंद्रग्रहण, जानिए क्या करेंऔर क्या नहीं?
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चंद्रग्रहण और सूर्य ग्रहण को लेकर हिंदू धर्म में कई मान्यताएं हैं. जिसमें खानपान से लेकर तमाम तरह के नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है. शास्त्रों के मुताबिक ग्रहण के दौरान वातावरण में निगेटिविटी फैल जाती है और इस दौरान कुछ कामों को अगर किया जाए तो जीवन में कई समस्याओं का सामना तक करना पड़ जाता है.
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गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर पर ग्रहण के दौरान कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. उन्हें खानपान से लेकर रहन-सहन को लेकर कई तरह की सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती हैं.
चंद्रग्रहण का समय और दिन
साल 2023 का पहला चंद्रग्रहण
5 मई की रात लगने जा रहा है और ये मध्य रात्रि में समाप्त होगा. हालांकि, इसे एक उपछाया चंद्रग्रहण बताया जा रहा है और ये भारत में नजर नहीं आएगा. इस साल वैसाख पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण पड़ रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय समय अनुसार
चंद्रग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा और ये करीब 1 बजकर 2 मिनट पर खत्म होगा. कहा जा रहा है कि चंद्रग्रहण की अवधि करीब 4 घंटे 15 मिनट रहेगी. कहा जा रहा है कि ये पूर्णमासी पर उपछाया चंद्रग्रहण है जिसे ग्रहम नहीं माना जाता.
चंद्रग्रहण पर क्या करें और क्या नहीं
भारत में भले ही इस ग्रहण का असर न दिखे लेकिन इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ये जरूर जान लेना चाहिए. इस दौरान खानपान की मनाही होती है और ऐसा माना जाता है कि अगर ये गलती की जाए तो पाचन क्रिया को नुकसान झेलना पड़ सकता है. गर्भवती महिलाओं को इस दौरान खानपान ही नहीं कई दूसरी बातों का विशेष ख्याल रखने की हिदायत दी जाती है.
ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान पानी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इस गलती से शरीर को नुकसान तक झेलना पड़ सकता है. हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन फिर भी लोग इन नियमों का पालन करते हैं.
चंद्रग्रहण के दौरान सोने की मनाही होती है और खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को इसका खास ध्यान रखना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इसका नुकसान मां और बच्चे दोनों को झेलना पड़ सकता है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
लोगों में ये मिथ भी फैली है कि चंद्रग्रहण के दौरान बच्चे का जन्म होने से क्या होता है. कहते हैं कि ग्रहण के दौरान बच्चे का जन्म होने पर कई नुकसान होते हैं. हालांकि, इसका भी कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.