तो आइए आज जानते है कुछ ऐसे ही वास्तु के बारे में जिसे आप अभी तक अनजान है..
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर का विशेष महत्व होता है।
मान्यता है कि पवित्रता और शुद्धता में ही भगवान का वास होता है। घर में जूठन भी घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते है। कहते है कि रसोई में सबसे ज्यादा दोष मिलते है, क्योंकि वहां पर सभी तरह के तत्व मौजूद होते है। जल, अग्नि, वायु आदि।
लोगों रसोई को इतना पवित्र मानते है कि रसोई घर में ही कुछ लोग मंदिर बनवा लेते है, जोकि गलत होता है क्योंकि रसोई में रखें जूठे बर्तनों में अन्न के कुछ भाग पाए जाते है।
निर्धन होने का सबसे बड़ा कारण लोगों का यह कि कुछ लोग रसोई में रात के जूठे बर्तन रसोई में रख के उसे सुबह साफ करते है। ऐसा करने से रसोई ही नहीं घर को लोगों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है और साथ ही कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, जो लोग जूठे बर्तन नहीं धो पाते है उनके जीवन में सफलता के रास्ते में कुछ ना कुछ परेशानियां आती ही रहती है। शास्त्रों के मुताबिक रसोई को साफ बर्तन के लिए बहुत ही महत्व माना जाता है।
हमारे देश में आटे का अधिकांश हिस्सों में इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में रसोई में रखा जूठा चकला बेलन और बर्तन सबसे ज्यादा हानि पहुंचाता है। कहते है कि ऐसे में घर के सदस्यों के बीच में मनमुटाव और लड़ाई झगड़े बने रहते है और साथ ही लक्ष्मी माता नाराज होकर चली जाती है।
वहीं अगर रसोई घर में प्रतिदिन नियम अनुसार जूठे बर्तन और चकला-बेलन धोए जाते है, तो लक्ष्मी मां की कृपा हमेशा बनी रहती है और कभी भी आर्थिक हानि का सामना नहीं करना पड़ता और साथ ही साथ हर तरह के वास्तुदोष खत्म हो जाते है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
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