मानव जीवन पर प्रभाव
मंगल और शुक्र के बीच उदासीन संबंध है। मंगल जोश का प्रतीक है और शुक्र ग्रह प्यार का। इन दोनों ग्रहों की युति निश्चित रूप से हमारे जीवन में जोश भर देती है। जब दोनों ग्रह अच्छी स्थिति में तो यह एक वफादार, प्रतिबद्ध और भावुक प्रेमी बनाता है। इस दौरान जातक उनकी रचनात्मक गतिविधियों पर या उनके वांछित शानदार जीवन को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करता है।
हालांकि मंगल और शुक्र की यह युति तभी अनुकूल परिणाम देती है जब वे कुंडली में अच्छी स्थिति में होते हैं। 16 जनवरी को जब मंगल धनु राशि में प्रवेश करेगा, तो वह शुभ स्थिति में स्थित होगा। हालांकि, शुक्र की स्थिति अनुकूल नहीं रहेगी। धनु राशि का स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं, जो कि शुक्र के शत्रु हैं, इसलिए शुक्र यहां हमेशा जीवन के सकारात्मक पहलुओं को बढ़ावा नहीं देता है। शुक्र 29 जनवरी तक वक्री गति में हैं, जो प्रेम ग्रह के लिए अनुकूल स्थिति नहीं है।
ऐसे में मंगल-शुक्र की यह युति नकारात्मक के रूप में विपरीत दिशा में भी काम कर सकती है। इस युति के परिणाम भी सामने आएंगे। मंगल के प्रभाव के कारण क्रोध और आक्रामकता बढ़ सकती है और शुक्र के कारण सुख-सुविधाओं की लालसा बढ़ सकती है। इससे रिश्तों में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
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