हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक कुल 16 दिवसों तक चलता हैं, तथा श्राद्ध की 16 तिथियां कुछ इस प्रकार होतीं हैं , पूर्णिमा, प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्टी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या। किसी भी जातक की इनमें से ही किसी भी एक तिथि में मृत्यु होती है चाहे वह कृष्ण पक्ष की तिथि हो या शुक्ल पक्ष की। श्राद्ध में तर्पण के विधि में इस बात का ध्यान रखा जाता हैं कि व्यक्ति की मृत्यु जिस तिथि में हुई हो , उनका श्राद्ध भी विधि पूर्वक उसी तिथि में किया जाना चाहिए।
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