हिंदू पंचांग के अनुसार
नवरात्रि का त्योहार वर्ष में दो बार मनाया जाता है एक बार यह त्यौहार अप्रैल के आसपास तथा दूसरी बार अक्टूबर में दशहरे से पहले मनाया जाता है। तथा इस वर्ष शक्ति साधना का महापर्व नवरात्रि 7 अक्टूबर 2021 से प्रारंभ होने जा रहा है। तथा त्योहार के पीछे यह मान्यता है कि मां दुर्गा ने इस संसार में धर्म की स्थापना और भक्तों के कल्याण के लिए कई रूप धारण किए थे तथा इन्हीं रूपों की नवरात्रि में पूजा की जाती है। तथा इसके पीछे यह मान्यता है कि मां दुर्गा ने महिषासुर के वध के लिए कात्यायन ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर उसकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था। तथा इसी कारण से भक्तों ने उन्हें श्रद्धा के साथ मां कात्यानी कहकर पूजा करना शुरू कर दिया। और इसी प्रकार राक्षस चंड मुंड का वध करने के लिए माता ने काजल के समान वर्ण लिए हुए देवी प्रकट हुई थी तथा इन्हें मां काली के रूप में पूजा जाता है। और इसी प्रकार कुछ ऐसे भी शुभ निशुंभ संहार करने के लिए मां कोशिकी का अवतार हुआ था। और भक्तों की सभी दुखों को दूर करने तथा सभी मनोकामना को पूरा करने के लिए मां भगवती के विभिन्न विभिन्न रूपों की पूजा करने का नियम बनाया गया है। क्योंकि यह माना जाता है कि मां दुर्गा के जितने भी स्वरूप हैं उन सभी के अपने अपने गुण और कर्म होते हैं। तथा ऐसे में इन नौ रूपों की पूजा करना सभी को अलग-अलग लाभ देता है। और नवरात्रि माता की कृपा पाने के लिए उनकी
पूजा में उनके पसंद के अनुसार फूल चढ़ाएं। तो आइए हम जानते हैं कि किन देवी को पूजा में कौन सा पुष्प पसंद है।
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