•किन लोगों को शनि की दशाओं में नहीं होती परेशानी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की उच्च राशि तुला होने के कारण शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की स्थिति में तुला राशि वालों को लाभ होता है तथा इन पर शनि की विशेष कृपा होती है। इसलिए शनि की दशा इनके लिए इतनी कष्टदायी नहीं होती जितनी शेष राशि वालों के लिए होती है। इसी तरह मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि साढ़ेसाती और ढैय्या शुभ मानी जाती है क्योंकि इन राशियों का स्वामी ग्रह शनि होने के कारण यह इन्हें परेशान नहीं करता। और यदि शनि साढ़ेसाती के दौरान किसी व्यक्ति पर शुभ ग्रहों की दशा चल रही हो तो भी शनि उसके लिए लाभकारी होता है। चाहे शनि इन लोगों से इनके कार्य में मेहनत अधिक कर आता है परंतु इन्हें लाभ अवश्य देता है। और यदि कुंडली में चंद्रमा कर्क राशि में हो और शनि का प्रभाव कम हो तो भी शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को शनि कम परेशान करता है और यदि बलवान चंद्रमा की दशा चल रही हो तो शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के नुकसान होने के बजाय लाभ होते और यदि शनि व्यक्ति की जन्म कुंडली में तीसरे, छठे, आठवें और बारहवें भाव में हो तो भी शनि अपनी दशाओं के दौरान लाभ देता है और यदि ऐसे किसी व्यक्ति के जीवन में कष्ट भी आ रहे हो तो भी शनि उन्हें अंत में लाभ देता है।
किसी भी शुभ कार्य को करने से पूर्व बात कीजिए ज्योतिषी से