परंपरा के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा से आंखे चार नहीं करनी चाहिए यानी उन्हें देर तक टकटकी लगाकर देखने से मनाही है। महाराज की दर्शन उनके प्रति श्रद्धा (shraddha) के भाव के साथ करें । आपको उचित फल मिलेगा।
इस साल किस राशि में कब प्रवेश करेंगे शनि, एक क्लिक से जानें किन जातकों पर समाप्त होगी साढ़े-साती