क्यों कहां जाता है इसे कुशग्रहणी अमावस्या : -
दरअसल इस दिन वर्ष भर पूजा , अनुष्ठान , या श्राद्ध करने के लिए नदी व मैदानों जैसी जगहों से कुश नामक घास को तोड़कर घर में लाया जाता है । हिंदू पंचांग द्वारा यह बताया जाता है कि धार्मिक कार्यों में नामक घास का इस्तेमाल करने से व्यक्ति को उस पूरे वर्ष पुण्य फलदायी फल प्राप्त होता है व साथ ही साथ मूल रूप से यह बताया जाता है कि बिना कुशा घास के व्यक्ति द्वारा की गई कोई भी धार्मिक पूजा का कार्य निष्फल माना जाता है । इसीलिए कुशा घास का उपयोग हिंदू पंचांग के अनुसार पूजा पद्धति में प्रमुखता से किया जाता है । कुशग्रहणी अमावस्या के दिन तोड़ी गई कोई भी कुश घास का असर व्यक्ति के जीवन पर उस पूरे वर्ष पवित्रता से बना रहता है । अत्यंत पवित्र होने के कारण ही इसका नाम कुशग्रहणी अमावस्या रखा गया ।
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