इंसानों में सपने आम बात है। सपना और हक़ीक़त में केवल होश मात्र का ही अंतर है। नींद में सपने आने के कई कारण हो सकते है। कहते हैं की जब इंसान प्रतियेक क्षण सिर्फ एक ही वास्तु या घटना के विषय में सोचता सोचता अंतर्लीन हो जाता है तो वह ख्याल उसको सपनों में हकीकत बनके सामने आता है। कहा यह भी जाता है की हमारा दिमाग बाहरी दुनिया से लड़ लड़ कर थक जाता है तो वह निंद्रा के समय अपनी एक खुशनुमा दुनिया सपनों में बनाता है। कुछ सपने बेबुनियाद होते हैं जिनका वास्तविक जीवन से कोई अर्थ नहीं होता किन्तु कई ऐसे सपने है जिनसे आपके आने वाले कल को ज्ञात किया जा सकता है अथवा वह सपने बता सकते है की आपके जीवन में क्या होने वाला है।
यह ज्योतिष और वैज्ञानिक दोनों विद्याओं मैं साबित किया जा चूका है कि सपने कुछ न कुछ कहते जरूर हैं। जब हमारा हमारा सचेत ध्यान आस पास की घटनाओं को भाप नहीं पाता तब अचेतन मन उसको भांप लेता है और सपनों मैं वह हमें आगाह करता है। यहाँ यह बात विशेष ध्यान रखने वाली है की जरुरी नहीं हर सपना कुछ न कुछ कहता ही है कुछ सपने दिमाग कि उपज होते है मगर कुछ सपनों पे विशेष ध्यान देने कि आव्यशकता होती है। तो आईये जानते हैं की क्या कहता है प्रतियेक सपना।
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