जब ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में अपना स्थान बदलतें हैं तो उसे राशि परिवर्तन या गोचर कहतें हैं।गोचर का प्रभाव व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति और व्यक्ति की दशा पर निर्भर करेगा। इसलिए, ग्रह के गोचर का परिणाम एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग अलग हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र धन -धान्य वैभव पूर्ण जीवन, ऐश्वर्य, जैविक संरचना, फिल्म उद्योग, भारी उद्योग कॉस्मेटिक, केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में उच्चपद दिलाने वाले ग्रह हैं। शुक्र देव को इस संसार के समस्त भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। शुक्र देव 6 सितंबर कन्या राशि से निकलकर स्वराशि तुला में प्रवेश करेंगे। शुक्र इस राशि में 2 अक्तूबर 2021 तक रहेंगे। इसके बाद ये वृश्चिक राशि में चले जाएंगे। ये वृष और तुला राशि का स्वामी हैं। शुक्र देव कन्या राशि में नीच के तो मीन राशि राशि में उच्च के माने जाते हैं। कोई भी ग्रह अपनी राशि में मजबूत स्थिति में होता है। वहीं जिन जातकों की जन्म कुंडली में ये केंद्र और त्रिकोण में भ्रमण कर रहे होंगे उनके लिए यह गोचर किसी वरदान से कम नहीं है। अपनी राशि में पहुंचकर शुक्र ग्रह पञ्चमहापुरुष योगों में से महान मालव्य योग का निर्माण करेंगे। जिनकी जन्म कुंडली में अशुभ भाव में रहेंगे उनके लिए शुक्र कम फलदाई होंगे। शुक्र के राशि परिवर्तन से पांच राशियों के जातकों को बहुत जबरदस्त परिणाम मिलेंगे। आइए एक नजर डालतें हैं कि वो 5 राशियां कौन सी हैं जिनपर शुक्र ग्रह के गोचर से अनुकूल प्रभाव पड़ेगा :
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