शुक्र का राशि परिवर्तन, जानें इसका प्रभाव
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शुक्र का राशि परिवर्तन, जानें इसका प्रभाव : 22 जून यानी कल मंगलवार के दिन दोपहर 2 बजकर 18 मिनट पर असुर गुरु शुक्र मिथुन राशि से पुनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण में गोचर करते हुए कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
बता दें कि यह इस राशि में 17 जुलाई सुबह 9 बजकर 23 मिनट तक विराजमान रहेंगे। उसके बाद यह सिंह राशि की ओर प्रस्थान करेंगे। वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र कन्या राशि में नीचारशिगत और मीन राशि में उच्च राशिगत संज्ञक माने जाते है।
मान्यता है कि अगर कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत है, तो वैवाहिक जीवन सुख में और जीवन के सारे ऐशोआराम, भौतिक सुविधाएं उसे मिलती है। वहीं अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होने पर उसे जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शुक्र ग्रह को लोगों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
ज्योतिष के मुताबिक शुक्र ग्रह शुक्र ग्रह भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा जैसे नक्षत्रों के स्वामी ग्रह हैं। बुध और शनि को शुक्र ग्रह का मित्र माना जाता है और वहीं सूर्य और चंद्रमा को इसका शत्रु माना गया है।
कहते है कि शुक्र एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में उन्हें 23 दिनों का समय लग जाता है।
तो आइए जानते है कि शुक्र का राशि परिवर्तन से बाकी सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।