जैसा की आप सभी जानते हैं कि आकाश में कुल दस दिशाएं होती हैं। जिनके नाम इस तरह है पूर्व, व आग्नेय दिशा, तथा दक्षिण दिशा, और नैऋत्य दिशा, पश्चिम दिशा, वायव्य दिशा, उत्तर
दिशा, ईशान दिशा, ऊर्ध्व मुख और अधो यह सभी दिशाए होती हैं। जानिए क्या अर्थ होता है ऊर्ध्व का। ऊर्ध्व का मतलब ऊपर है| जिस दिशा में जहां दिशा शूल भी होता है, बता दे कि वहां राहु काल भी नुकसानदायक होता है। वही दूसरी तरफ, हर दिशा के दिग्पाल भी होते हैं साथ ही साथ इनके ग्रह के स्वामी भी होते है। चलिए जानते हैं इन सभी दिशाओं के बारे में|
1) पहले जानते हैं कि ऊर्ध्व दिशा का मतलब इस दिशा के देवता ब्रह्मा देव है। ब्रह्मा देव सभी इंसानों के जन्मदाता हैं। और इस दिशा का सबसे ज्यादा महत्व होता है। जो इंसान के लिए काफी महत्व रखता है|
2. आओ जाने आकाश के बारे में, आकाश ही ईश्वर है। जो हर व्यक्ति को ऊर्ध्व मुखर होकर प्रार्थना करता हैं तभी उनकी प्रार्थना में असर होता भी है। बता दे कि व्यक्ति वेदानुसार मांगता है इस तरह उसे मांगने से ब्रह्म और ब्रह्मांड से मांगे किसी ओर से नहीं तब उससे मांगने से सबकुछ प्राप्त होता है इसी कारण आकाश दिशा का अत्यधिक महत्व होता है|
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