जिस प्रकार घर लेते समय और बनवाते समय हर भाग का
वास्तु के अनुसार निर्माण करवाया जाता है। उसी तरह घर की सीढ़ियों का भी वास्तु के अनुसार निर्माण करवाना चाहिए। आज भी लोग जब घर बनवाते हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि जगहों की दिशाएं वही हो जैसा वास्तु शास्त्र की किताबों या विशेषज्ञों द्वारा बतायी गई हों। सीढ़ियों के निर्माण के समय हम इसे कम अहमियत देते हैं लेकिन बाद में इससे होने वाले नुकसान बहुत बड़े होते हैं। यदि इसको विचार विमर्श कर वास्तु के अनुसार नही बनवाया गया तो इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगते हैं। इस पर हादसे होने लगते हैं असुविधाएं और समस्याएं बढ़ती जाती हैं। लाल किताब में ऐसा बताया गया है कि सीढ़ियों और शौचालय पर राहु का प्रभाव होता है। इसके अनुसार यदि इनके निर्माण पर सही वास्तु का ध्यान नही दिया गया तो नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। राहु के द्वारा घटना या दुर्घटना की संभावनाएं होती हैं। अक्सर मुहावरों में या जीवन की हकीकत में भी यही होता है कि सीढ़ियां इंसान को ऊंचाई पर ले जाती हैं लेकिन यदि इसमें वास्तु दोष हो तो यही सीढ़ियां ऊंचाइयों से वापस भी ले आती हैं। सीढ़ियां सिर्फ आपको छत से ही नही बल्कि जीवन की ऊंचाई से जोड़ती हैं। आइये जानते है इससे जुड़े नुकसान क्या हैं और सीढियां बनवाते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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