Shukra ka Rashi Parivartan: खगोलीय गतिविधियों में समस्त ग्रह समय-समय पर अपना राशि बदलते रहते हैं। ज्योतिषाचार्य ऐसा मानते हैं कि ग्रहों का राशि परिवर्तन अन्य ग्रहों की चाल एवं राशियों को भी प्रभावित करता है। आपको बता दें कि शुक्र ग्रह का कन्या राशि में प्रवेश होने जा रहा है। शुक्र देव संसार में भौतिक सुखों के पालनहर्ता माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक, शुक्र ग्रह को प्यार, भोग, ऐश्वर्य, विलास, वैवाहिक जीवन, सौंदर्य और धन आदि का कारण माना जाता है। यही कारण है कि शुभ ग्रहों की सूची में शुक्र ग्रह भी शामिल है। ऐसी मान्यता है कि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है, उनका जीवन कभी भी दुख में नहीं बीतता। उनका समस्त जीवन खुशहाल रहता है। ऐसे व्यक्ति ऐशोआराम की जिंदगी जीते हैं। तो वहीं अगर व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में ना हो तो जातक के जीवन में को आर्थिक तंगी का भयानक सामना करना पड़ सकता है। ऐसी परिस्थिति में यह भौतिक सुखों से वंचित रह जाते हैं। शुक्र ग्रह तुला और वृष राशि के स्वामी माने जाते हैं। एवं कन्या राशि में इनका स्थान नीच तथा मीन राशि में उच्च का होता है।
Shukra ka kanya me pravesh: ज्योतिष गणना के अनुसार, 11अगस्त दिन बुधवार को सुबह 11:20 बजे शुक्रदेव कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जो कि 06 सितंबर तक कन्या राशि में हीं गोचर करेंगे। फिर अपने गतिविधि अनुसार अगली राशि यानी तुला में चले जाएंगे। शुक्र देव इससे पहले सिंह राशि में विराजमान थे। कन्या राशि में शुक्र का गोचर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि कलियुग में शुक्र ग्रह को प्रबल और अत्यंत प्रभावशाली ग्रह के रूप में देखा जाता है। तो आइए जानते हैं शुक्र के इस राशि परिवर्तन से किन-किन राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
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