सौर मंडल में बुध ग्रह सूर्य के समीप रहता है तथा कुंडलियों में भी बुध तथा सूर्य ज्यादातर एकसाथ ही दिखते हैं। वैदिक ज्योतिष के हिसाब से, आदित्य सूर्य का पर्यायवाची शब्द है और जब कुंडली में बुध और सूर्य के एकसाथ हो तब बुधादित्य योग बनता है। जिसका ज्यादातर लोगों पर शुभ असर रहता है और यह योग लगभग सभी की कुंडलियों में होता है। सूर्य एक क्रूर ग्रह के रूप में माना जाता है और उसके निकट होने की वजह से अन्य ग्रहों के अपेक्षा बुध सूर्य के साथ होने पर विशेष फल देता है। बुधादित्य योग से धन, वैभव, मान-सम्मान प्राप्त होता है। साथ ही इस योग में जन्म लेने वाला बच्चा अगर गरीब परिवार में जन्मा है तो वह धीरे-धीरे धनी बन जाता है। बुधादित्य योग व्यक्ति के भाग्य को प्रभावी बनाता है, जिससे जीवनभर उसे लाभ मिलता रहता है। वहीं जिनकी कुंडली में बुधादित्य योग बनता है उसके सभी कार्य पूरे होते हैं ।मान्यता है कि यह योग आपार सफलता दिलाने वाला योग होता है।
सूर्य १७ सितंबर को कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है और १७ अक्टूबर तक इसी राशि में रहेगा। और २ अक्टूबर को बुध गृह भी कन्या राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य और बुध कन्या राशि में एक साथ आयेंगे तब बुधादित्य योग बनेगा जो १७ सितंबर तक रहेगा।
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021