मंगल ग्रह को जीवन शक्ति और गतिशीलता का कारक ग्रह माना गया है। सारे ग्रहों की अपेक्षा इसे एक योद्धा(yoddha) के रूप में माना जाता है। इसे ग्रहों में सेनापति(commander) का दर्जा प्राप्त है। इसे ज्योतिष के अनुसार क्रूर(cruel) ग्रह बताया जाता है। क्योंकि यह क्रोध(krodh), हिंसा, लड़ाई, झगड़े, ऊर्जा(energy) आदि का स्वामी है। यदि कुंडली में मंगल शुभ स्थिति में होता है, तो शौर्य साहस व पराक्रम प्रदर्शित करता है।
खासकर जब यह लग्न में हो, तो जातक को विशेष शक्तियां भी प्रदान होती है। तो वहीं दूसरी ओर जातक की कुंडली(kundali) में अगर अशुभ स्थिति में विराजमान हो तो उसे विशिष्ट परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जीवन के कई मोड़ पर उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। मंगल ग्रह को वृश्चिक(scorpious) और मेष राशि का स्वामी माना जाता है। मंगल ग्रह, शनि की स्वामित्व वाली मकर(Capricorn) में उच्च एवं चद्रमा की स्वामित्व वाली कर्क राशि(kark raashi) में नीच का होता है। मंगल ग्रह को भावुक प्रेमी के रूप में भी जाना जाता है। जो कि प्यार को रोमांचक और आकर्षक(attractive) बनाता है। भूमि व अग्नि(agni) का कारक ग्रह भी मंगल को बताया जाता है। यदि संपत्ति के कारक भाव में मंगल होता है, तो इसके योग से भूमि और संपत्ति हासिल होती है। मंगल ग्रह का संबंध खून(blood) और हड्डी से बताया जाता है। यही कारण है कि जिस जातक की कुंडली(horoscope) में यह शुभ होता है, तो उसके सर्जन(surgeon) बनने का योग होता है।
Mars Transit 2021: 20 जुलाई 2021 को मंगल ग्रह 17:21 बजे सूर्यदेव की राशि सिंह में प्रवेश करेगा। जहां इसका मिलन शुक्र ग्रह से होगा जो सिंह राशि में पहले से विराजमान है। इस प्रकार एक राशि में 2 ग्रहों का विशिष्ट योग बनेगा। मंगल ग्रह 6 सितंबर 2021 तक सिंह राशि(Leo) में गोचर करेगा। और फिर यह अपनी अगली राशि यानी कन्या राशि(vigro) में प्रवेश कर जाएगा। इस परिवर्तन से कुछ राशियों(zodiac sign) को सावधानी बरतने की जरूरत है। तो आइए जानते हैं, मंगल ग्रह के सिंह राशि में गोचर(Mars Transit in leo) से किन्हें रहना है सावधान।
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