सूर्य और मंगल 16 सितंबर से 16 अक्टूबर तक
कन्या राशि में एक साथ स्थित होंगे। सूर्य और मंगल ज्योतिष शास्त्र में अग्नि से युक्त ग्रह हैं। दोनों में तेज और तीव्रता होती है। ज्योतिष में सूर्य पिता का प्रतिनिधित्व करता है और मंगल भाई-बहनों का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य प्रकाश और ऊर्जा दर्शाता, वहीं मंगल में भी बहुत अधिक ऊर्जा मौजूद होती है। सूर्य मस्तिष्क का प्रतिनिधित्व करता है और मंगल हमारे शरीर में रक्त का प्रतिनिधित्व करता है। इन दोनों ग्रहों की स्थिति जब गोचर में एक साथ किसी राशि में बनती है तो यह सूर्य मंगल युति का प्रभाव देने वाली बनती है। इन दोनों के एक साथ आने पर जातक को इन से जुड़े फल बहुत ही तीव्रता के साथ मिल सकते हैं। इन दोनों ग्रहों का गुण जोश और उत्साह को दर्शाता है ऎसे में इनका एक साथ आना काफी प्रभावी समय बन सकता है। गोचर में ये स्थिति परिणामों को पाने की स्थिति को काफी प्रभावित करती है। व्यक्ति में साहस होता है वह कार्य को करने के लिए आगे बढ़ता है ऎसे में कन्या राशि में मंगल सूर्य का एक साथ होना कुछ बौद्धिकता और पराक्रम के मेल का भी समय बनेगा। आईये जानते हैं किस प्रकार ये युति अपने प्रभाव देगी और सभी राशियों पर इसका क्या असर होगा।
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021