हिंदू धर्म में दान- पूण्य करने का एक बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि
पितृपक्ष में गीता का पाठ करना और दान करना विशेष लाभकारी होता है। इससे पितरों की आत्मा को निश्चित शान्ति मिलती है, अगर आपके पितर को शान्ति मिलती है तो आपके जीवन के समस्त कष्टों का निवारण होता है. आम दिन भी दान-पुण्य करने से तमाम पाप कट जाते हैं और व्यक्ति का जीवन आसान हो जाता है. इसलिए हर व्यक्ति को अपनी कमाई के कुछ हिस्से को दान में अवश्य लगाना चाहिए. अगर ये दान विशेष दिनों में किया जाए तो इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. इस विशेष दिनों में से एक। पितृ पक्ष (Pitru Paksha) भी उन विशेष दिनों में से एक हैं क्योंकि इन दिनों में किया गया दान हमारे
पूर्वजों को समर्पित होता है. इससे पूर्वजों के तमाम कष्ट दूर होते हैं और वे अपने वंशजों संतुष्ट होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं. कहा जाता है कि जिस घर में पूर्वजों का आशीर्वाद होता है वहां हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है. पितृ पक्ष खत्म होने में बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. 6 अक्टूबर को पितृ पक्ष अमावस्या है. अमावस्या तक के दिनों में आप महादान करके काफी पुण्य अर्जित कर सकते हैं. आएं हम जानते हैं कि वह दान कब करनी चाहिए ।
इस पितृ पक्ष, 15 दिवसीय शक्ति समय में गया में अर्पित करें नित्य तर्पण, पितरों के आशीर्वाद से बदलेगी किस्मत : 20 सितम्बर - 6 अक्टूबर 2021