हिंदू धर्म में कार्तिक मास का बहुत अधिक महत्व है। आज कार्तिक मास का पहला शनिवार है। इस समय मकर, कुंभ, धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए कार्तिक मास के पहले शनिवार के दिन ये उपाय करें और शनि के बुरा प्रभाव से बच लें।
क्या है साढे़साती
शनि की साढ़े साती, भारतीय ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों में से एक ग्रह,
शनि की साढ़े सात वर्ष चलने वाली एक प्रकार की ग्रह दशा होती है। ज्योतिष एवं खगोलशास्त्र के नियमानुसार सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते रहते हैं। इस प्रकार जब शनि ग्रह लग्न से बारहवीं राशि में प्रवेश करता है तो उस विशेष राशि से अगली दो राशि में गुजरते हुए अपना समय चक्र पूरा करता है शनि की मंथर गति से चलने के कारण ये ग्रह एक राशि में लगभग ढाई वर्ष यात्रा करता है, इस प्रकार एक वर्तमान के पहले एक पिछले तथा एक अगले ग्रह पर प्रभाव डालते हुए ये तीन गुणा, अर्थात साढ़े सात वर्ष की अवधि का काल साढ़े सात वर्ष का होता है। भारतीय ज्योतिष में इसे ही साढ़े साती के नाम से जाना जाता है।
शनि की ढैया
शनि जब किसी राशि में ढाई वर्ष के लिए आते हैं तो उस स्थिति को शनि की ढैया कहा जाता है. माना जाता है कि जब शनि की ढैया आरंभ होती है तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शनि देव धन, सेहत, करियर, जॉब और बिजनेस के साथ संबंधों को प्रभावित करते हैं
शनि की साढ़ेसती और शनि की ढैया
वर्तमान समय में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, वहीं
पांचों राशि वाले ये उपाय करें
शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय करने वाला ग्रह माना गया है. शनि देव को कलियुग को न्यायाधीश भी कहा गया है. मान्यता है कि शनि देव व्यक्ति के अच्छे और बुरे कार्यों का फल प्रदान करते हैं. शनि देव शुभ फल भी प्रदान करते हैं. शनि देव अच्छे कार्यों को करने वालों को जीवन में शुभ फल भी प्रदान करते हैं. शनिवार के दिन इन उपायों को करके, शनि देव की कृपा प्राप्त की जा सकती है
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