मार्गशीर्ष - कृष्ण पक्ष- अमावस्या पर 4 दिसंबर 2021 को सूर्य ग्रहण लगेगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। यह खगोलीय घटना जो एक दुर्लभ दृश्य है, भारत से ग्रहण के रूप में नहीं दिखाई देगी। यही कारण है कि इसका कोई धार्मिक महत्व नहीं है क्योंकि सूतक वहीं लगेगा जहां ग्रहण दिखाई देगा और अब से
धार्मिक मान्यताएं ही वहां लागू होंगी। ग्रहण के समय ये 5 ग्रह केतु, बुध, सूर्य और चंद्रमा वृश्चिक राशि में, शुक्र धनु राशि में, मंगल तुला राशि में, शनि मकर राशि में, बृहस्पति कुंभ राशि में और राहु वृष राशि में एक साथ रहेंगे। इसके अलावा राहु की दृष्टि सूर्य, चंद्रमा और बुध पर होगी और राहु मंगल के साथ शनि पर भी रहेगा, जो एक अशुभ योग का निर्माण है।
यह खगरा सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिण अटलांटिक महासागर और दक्षिणी हिंद महासागर से देखा जा सकता है, जो दक्षिणी गोलार्ध के देश हैं। यह भारतीय मानक समय के अनुसार सुबह लगभग 10:58 बजे से शुरू होकर दोपहर 3:06 बजे तक चलेगा। ग्रहण के कारण राजनीतिक उतार-चढ़ाव, सामाजिक मतभेद, जनता में भारी रोष के आसार हैं। महंगाई में भी बढ़ोतरी की संभावना है। उच्च स्तर के सरकारी व्यक्ति सतर्क रहें, सरकारी कार्यों में विरोध सामने आ सकता है। वृष और वृश्चिक राशि के सूर्य राशियों को
ग्रहण के कारण थोड़ा कष्ट हो सकता है और तीर्थ जल से स्नान, जप, दान, शिवार्चन, पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें राहत मिल सकती है।
शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण के समय करें पंच दान, होगा हर समस्या का समाधान और बढ़ेगा धन-धान - 4 दिसम्बर, 2021