Shani Amavasya Date Shubh Muhurat - अमावस से शनि देव की जन्म तिथि को कहा जाता है इसलिए इस दिन शनि देव के पीपल की पेड़ की पूजा करने से ऐसा कहते हैं कि शनि दोष खत्म हो जाते हैं सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है इस दिन शनिदेव की कृपा पाने के लिए व्रत रखना चाहिए और जरूरतमंद लोगों को भोजन करने के लिए कहा जाता है । मिथुन राशि तुला राशि पर को मिलेगा विशेष लाभ और पूजा करने से शनि अमावस्या पर शनिदेव प्रसन्न होते हैं। लेकिन मकर राशि में शनि इस समय विराजमान है मतलब मकर राशि में शनि बहुत ज्यादा भारी पड़ने वाले हैं यानी शनिदेव मकर राशि में उल्टी चाल में चल रहे हैं ज्योतिष शास्त्र में ऐसा कहा गया है कि ऐसी कई चीजें हैं जिसके लिए शनि की अवस्था को बिल्कुल अच्छा नहीं माना गया है किंतु ऐसी मान्यता भी है कि शनि देव की अवस्था कुछ ठीक नहीं होती है इसीलिए वह पूर्ण फल प्रदान नहीं कर पाते हैं। 10 जुलाई 2021 को चांद के अनुसार आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि दी गई है। शनिवार के दिन जब अमावस्या की तिथि पड़ती है तो इसे शनिचरी अमावस्या कहा जाता है और शनिदेव की पूजा करने के लिए शनिचरी अमावस्या को विशेष फलदाई माना जाता है मतलब बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है मान्यता है कि इस दिन पूजा और दान करने से शनिदेव बहुत खुश होते हैं और शनि की साढ़ेसाती कि अशुभ तक कम हो जाती है इसके साथ ही जिन लोगों को जन्म कुंडली में शनि की दशा और अंतर्दशा आंधी चल रही है और अशुभ फल प्राप्त हो रहे हैं उन्हें भी इस दिन पूजा करने से काफी लाभ मिलता है और अच्छा दिन जाता है।
है कि इस दिन को शनि अमावस्या तिथि भी कहते हैं क्योंकि इस दिन अमावस्या की तिथि का महत्व कहीं ज्यादा बढ़ जाता है किंतु शनिवार के स्वामी शनि महाराज का जन्म हुआ था उस दिन तो यह बहुत बड़ा दिन माना जाता है।
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