हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया है, कि "त्रिमूर्ति" विश्व के संचालक है। त्रिमूर्ति में मुख्य रूप से ब्रह्मा, विष्णु, शिव है। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा जगत रचयिता है, विष्णु पालनकर्ता एंव शिव संघार करने वाले हैं। जगत पालनकर्ता भगवान विष्णु भी भगवान शिव की पूजा करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं की भगवान विष्णु के अवतरित रुप में भगवान राम द्वारा कहा गया है कि "शिव द्रोही ममं भगत कहावा, सों नर मोहि सपनों में नहीं आवां" अर्थात जो व्यक्ति शिव से विमुख होकर अपने आपको मेरा वक्त कहता है वह व्यक्ति तो मेरे सपनो में भी नहीं आ सकता। इसके अलावा एक अन्य कथा है कि जब भगवान राम द्वारा रामेश्वरम शिवलिंग की स्थापना करने पर हनुमान जी ने रामेश्वर का अर्थ श्री राम जी से पूछा था, तब भगवान राम ने कहा रामेश्वर का अर्थ होता है जो "राम का इश्वर हो"। इसलिए भगवान शिव को ही "देवों के देव महादेव" कहा जाता है। वैसे तो जगत पालनकर्ता भगवान विष्णु के अवतार के बारे में तो सभी जानते हैं एंव भगवान शिव के अवतारों के बारे में कुछ ही लोग जानते हैं और ब्रह्मा के अवतारों के बारे में तो बहुत लोग जानते ही नहीं ऐसे तो शास्त्रों के अनुसार देवता चंद्र जगत रचयिता ब्रह्मा के ही अवतार है। शिव महापुराण में भगवान शिव के कहीं 24 तो कहीं 19 अवतारों का उल्लेख है, वैसे तो शिव के अंश अवतार भी बहुत रूपों में अवतरित हुए हैं।
आइए जानते हैं भगवान शिव के कुछ अवतारों के विषय में
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