हिंदू धर्म में रुद्राक्ष की अत्यंत मान्यता है। इसे बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है। जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत होता है, रुद्राक्ष रुद्र यानी भगवान शिव की निशानी मानी जाती है। आपने शिव जी के चित्र में उन्हें सदैव रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए देखा होगा। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष के बीज शिव के आंसुओं से बने होते हैं।
कथाओं के अनुसार एक बार महादेव गहरी तपस्या में थे। जब तपस्या पूर्ण होने के बाद उनकी आंखें खुली तो किसी कारण से उनकी आंखों से अश्रु गिर पड़े। उनके अश्रुओं में रुद्राक्ष का रूप ले लिया। यहीं से रुद्राक्ष का निर्माण हुआ। रुद्राक्ष को स्वयं शिव जी का आशीर्वाद माना जाता है। इसे धारण के अत्यंत फायदे माने गए हैं। कहते हैं रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के रोग और कष्टों से मुक्ति मिलती है और साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जैसा कि आप जानते होंगे 25 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो चुकी है और 22 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगा। श्रावण का पूरा महीना महादेव को समर्पित होता है। इसलिए अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो उसके लिए इससे बेहतर समय दूसरा कोई नहीं होगा। अपितु रुद्राक्ष धारण करने पर आपको कुछ नियमों का बेहद ध्यान रखना चाहिए। ये नियम नीचे बताए गए हैं।
सावन माह में महाकाल का करें सामूहिक रुद्राभिषेक और असाध्य रोगों पर पाएँ विजय