जो सुख और आराम घर मैं किसी इंसान को मिलता है वह दुनिया के किसी कोने मैं खोजने से भी नहीं मिलता। हर व्यक्ति चाहें कितना भी बाहरी भौतिक जीवन मैं समृद्धि ढूंढ ले उसकी आत्मा को तृप्ति अपने घर और अपनों के साथ ही मिलती है। घर का माहौल उसको अपना लगता है और यद्यपि बहार कितने भी दुखों का पहाड़ हो व्यक्ति घर मैं आते ही एक हसीं वातारवरण मैं लुप्त होकर एक रात के लिए ही सही खुद को अपना लेता है और चैन की निंद्रा मै लीन हो जाता है। ऐसे मैं अगर उसी घर मैं हर वक़्त कलह कलेश का माहौल बना रहे , बात-बात पर नौंक झोंक होती रहे, परिवार के सदस्यों मैं एक दूसरे की बात को बर्दाश्त करने की क्षमता ख़तम हो जाए। तो बाहर क्या घर क्या आदमी कहीं सुकून से नहीं रह पाता। और यदि इस सब के ऊपर आर्थिक तंगी अपने पंजे से खुशहाल घर की खुशियों को जकड ले तो हर व्यक्ति लाचार महसूस करता है। यहां आव्यशक है की घर मैं शांति बानी रहे, आपसी प्रेम प्रत्येक दिन जन्म ले और घर की आर्थिक स्तिथि को किसी की नजर ना लगे। यदि आप भी इन्ही कुछ समस्याओं से जूझ रहे है और कोई वैकल्पिक उपाए आपको दिख नहीं रहा है तो इसका एक मात्र समाधान वास्तु शास्त्र के माध्यम से निकाला जा सकता है। वास्तु मैं कई उपाए बताये गए हैं जिससे आप अपने घर की शांति को पुनः लौटाने मैं काबिल रहेंगे और साथ ही लक्ष्मी की भी घोर कृपा होगी। तो आईये कुछ वास्तु क उपाए जानते है जिनसे आपके घर को एक बार फिर खिल खिला के मुस्कुराने मैं आसानी होगी।
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