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नौ ग्रहों में किसी ग्रह के कमजोर होने पर ज्योतिषी अक्सर रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। लेकिन रत्न अपना सकारात्मक प्रभाव तभी दिखा पाएगा, जब उसे सही नियमानुसार धारण किया जाएगा। रत्नों का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। इसलिए रत्न धारण करते समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, यहां जानिये,
ज्योतिष शास्त्र में
रत्न पहनने के पहले कई निर्देश दिए गए हैं। रत्नों में मुख्यतः नौ ही रत्न ज्यादा धारण किए जाते हैं।सूर्य के लिए माणिक, चन्द्र के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनियां रत्न धारण किए जाते हैं। लेकिन रत्नों का आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने उसे कैसे, किस दिन और किस समय में धारण किया है। जब आप कोई रत्न धारण करते हैं तो किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे रत्न धारण करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति हो। रत्न को कब बदलें, रत्नों को दूध में डालकर रखना चाहिए या नहीं? आदि जैसे कई सवालों के जवाब आपको यहां दिए जा रहे हैं.
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