भाद्रपद महीने का आरंभ हो चुका हैं I ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पवित्र चातुर्मास का यह दूसरा मास हैं, भादो के महीने को पवित्र मास भी कहा जाता है। विद्वानों द्वारा इस महीने को भक्ति मास और मुक्ति मास की संज्ञा दी गई हैं। हर महीने में पूर्णिमा और अमावस्या आतीं हैं लेकिन भादो महीने की अमावस्या का विशेष महत्व हैं , आपको बता दें कि भाद्रपद अमावस्या को पिठोरी अमावस्या कहा जाता है। इस साल पिठोरी अमावस्या 7 सितंबर 2021 को मनाई जाएगी। इस अमावस्या पर पितृ तर्पण आदि धार्मिक कार्यों में कुश का प्रयोग किया जाता है, इसलिए इसे कुश अमावस्या भी कहा जाता है। इस अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से होने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों के ऊपर पितृ दोष की छाया रहतीं हैं , उनके घर में कोई मांगलिक कार्य नहीं हो पाता है। संतान के विकास में बाधा आती है। साथ ही घर में क्लेश की स्थिति बनी रहती है। संतान उत्पत्ति में रुकावट होती है। कार्यक्षेत्र में रुकावटें आने लगती हैं। व्यापार, नौकरी आदि में उन्नति नहीं हो पाती है। इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए अमावस्या का दिन उत्तम माना जाता है। इस दिन राशि के अनुसार, कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से जानतें हैं कि अलग अलग राशियों के लिए क्या उपाय बताये गए हैं :-
जानिए शुक्र के राशि परिवर्तन से किन राशियों पर होगा प्रभाव