बहुत पुरानी कहावत हैं कि जब शब्द बोलने में असमर्थ हो तो आंखों की खिड़की खोल देनी चाहिए क्यूंकि आँखे सब हाल बता देतीं हैं तथा कभी झूठ नहीं बोलतीं हैं।साथ में ऐसा भी कहा जाता हैं कि अगर किसी के मन की बात जाननी हों तो उसकी आँखों में झांक कर देखो , हमारे नेत्र दिल का हाल बयां कर देतें हैं। हमारी आँखों को दिल का दरवाज़ा भी कहा जाता हैं ,ये नेत्र ही हैं जो बिना छुपाये सब राज़ खोल देती हैं। किसी व्यक्ति के आँखों में ममता झलकतीं हैं तो किसी के नेत्रों में ज्वाला होता हैं , आँखों के रास्ते से व्यक्ति के स्वाभाव ,विचार तथा व्यवहार के विषय में भी अनुमान लगाया जा सकता हैं। सामुद्रिक शास्त्र ,जिसे ज्योतिष शास्त्र का अभिन्न अंग माना गया हैं उसमें किसी व्यक्ति के आँखों के ज़रिये हम किस प्रकार उसके व्यक्तित्व के विषय में पता लगा सकतें हैं , इस पर पर विद्वानों ने अपना मत रखा हैं। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के विभिन्न अंगो के सरंचना के अनुसार उसके व्यवहार ,चरित्र ,मनोभाव के विषय में पता लगाया जा सकता हैं। हम कई बार देखतें हैं कि किसी की आँखों का रंग काला होता हैं तो किसी की भूरी आँखे होतीं हैं , कोई नीली या हरी आँखों का व्यक्ति हमें अधिक प्रभावित करता हैं ,ज्योतिषाचार्य की मानें तो नेत्र का रंग हमारे जीवन के कई राज़ खोल कर रख देतीं हैं। इस लेख के माध्यम से आज जानने की कोशिश करेंगे कि किस प्रकार किसी जातक का व्यक्तित्व उसके आँखों की रचना तथा उसके आँखों के रंगो पर भी निर्भर करता हैं।
दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में